सूक्ष्म भेदभाव महिलाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए

नई दिल्ली, 31 जनवरी (न्यूज़ एजेंसी)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के 33वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यस्थल, राजनीति या किसी अन्य स्थान पर सूक्ष्म भेदभाव महिलाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने महिला आयोग को इस विषय पर मंथन कर राष्ट्रीय दावा तैयार करने की सलाह दी।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण हमारे पास पहली बार एक संवैधानिक नुस्खा है। महिलाएं हर सीमा को पार कर रही हैं और वे रक्षा बलों में युद्धक पदों पर हैं। चारों ओर एक ऐसा इकोसिस्टम है, जो उनके लिए सकारात्मक है।

उन्होंने कहा कि आयोग को सूचना के प्रसार और रचनात्मक अनुनय का चलन शुरू करना चाहिए। सनसनी पैदा करना या सुर्खियों में आने के लिए दबावपूर्ण तंत्र का उपयोग करना अंतिम प्राथमिकता होनी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने मीडिया से बेहद संवेदनशील होने का आग्रह किया।

उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा देश का बजट पेश करने को ऐतिहासिक पल बताते हुए कहा कि कल वित्त मंत्री एक और इतिहास रचेंगी। सबसे अधिक बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री बन जाएंगी।

उन्होंने कहा कि हावी होने की पुरुष की इच्छा, उत्कृष्ट मानवीय प्रवृत्ति नहीं है। यह हमारी मानवीय आत्मा में फिट नहीं बैठता है, लेकिन हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि पुरुष हमेशा हावी होने के लिए इच्छुक होते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रभुत्व को समाप्त करना होगा। इसलिए हम व्यापार, उद्योग, वाणिज्य, व्यवसाय, राजनीति, शिक्षा और इस तरह के अन्य क्षेत्रों में ऐसी व्यवस्था बनाएं कि वित्तीय लाभ में महिलाओं को समान दर्जा मिले। आयोग को इस मुद्दे से निपटना होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार


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