
नई दिल्ली, 1 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। राष्ट्रीय भारतीय रेल कर्मचारी महासंघ (एनएफआईआर) के महासचिव डॉ. एम. राघवैया ने शनिवार को संसद में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025-26 पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह बजट देश की आम जनता और विशेष रूप से श्रमिक वर्ग की वास्तविक समस्याओं को हल करने में विफल रहा है।
एनएफआईआर के महासचिव ने कहा कि बजट प्रस्तावों का मुख्य उद्देश्य सरकारी संपत्तियों के मौद्रीकरण और उन्हें निजी कंपनियों को सौंपकर तेज़ी से निजीकरण को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस बजट में नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है, जिससे सरकार और भारतीय रेलवे में रोजगार सृजन को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि बजट प्रस्तावों पर बोलते हुए वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए फ्रीज की गई महंगाई भत्ते (डीए-डीआर) को जारी करने का कोई आश्वासन नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति दर को कम करने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए भी कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं।
डॉ. राघवैया ने कहा कि सरकार भारतीय रेलवे में सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को हल करने में भी विफल रही है, क्योंकि रेलवे में खाली पड़े पदों पर रोक को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय द्वारा जारी खर्च की लगातार कटौती से रेलवे मंत्रालय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिसके कारण रेलवे मंत्रालय रखरखाव और परिचालन की आवश्यक लागतों को पूरा करने में सक्षम नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार
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