
कोलकाता, 05 फरवरी (हि. स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में संबोधन से पहले, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस आयोजन को फर्जी समझौतों का मंच बताया है। उन्होंने कहा कि यह समिट केवल दिखावटी करारों और खोखले दावों का मेल है, जिससे राज्य के उद्योग जगत को कोई वास्तविक लाभ नहीं होता।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह आयोजन केवल फर्जी समझौतों पर हस्ताक्षर करने, अस्पष्ट अभिरुचि की अभिव्यक्तियां दिखाने और ऐसे पत्र जारी करने के लिए होता है, जिनका कोई हकीकत से वास्ता नहीं होता और वे अंततः कूड़ेदान में चले जाते हैं। उन्होंने इसे उद्योग और निवेश से परे केवल एक प्रचार रणनीति करार दिया।
उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनौती देते हुए कहा कि वह जनता को यह बताएं कि बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट 2023 में घोषित तीन लाख 76 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों में से वास्तव में कितना निवेश राज्य में हुआ है। अधिकारी ने यह भी याद दिलाया कि यह वार्षिक आयोजन 2024 में किसी कारणवश नहीं हो सका था।
विपक्ष के नेता ने कहा कि राज्य सरकार की भूमि नीति और विशेष आर्थिक क्षेत्र को मंजूरी न देने की नीति बड़े उद्योगों के निवेश में बाधक है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में भूमि अधिग्रहण के मामले में सरकार की निष्क्रियता उद्योगों के लिए बड़ा रोड़ा है। साथ ही, नए निवेशकों को विशेष आर्थिक क्षेत्र का दर्जा न देने की नीति से सूचना प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र में भी निवेश आकर्षित नहीं हो पा रहा है।
अधिकारी ने बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट की टैगलाइन ‘बंगाल मीन्स बिजनेस’ पर भी तंज कसते हुए कहा कि यह केवल दिखावे का आयोजन है, जिसे बड़े-बड़े दावों में लपेटकर पेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह दो दिवसीय आयोजन केवल एक छलावा है, जिसे ममता बनर्जी की सरकार औद्योगिक सूखे को छिपाने के लिए चमक-दमक में लपेटकर पेश कर रही है। जब तक ममता बनर्जी सत्ता में हैं, बंगाल कभी व्यापार का केंद्र नहीं बन सकता।
न्यूज़ एजेंसी/ ओम पराशर
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