एक साथ सूर्य नमस्कार कर फिर इतिहास रचेगा राजस्थान

मदन दिलावर

जयपुर, 2 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। राजस्थान में सोमवार को सूर्य सप्तमी के पूर्व दिवस पर एक बार फिर इतिहास रचा जाएगा। प्रदेशभर के राजकीय व निजी विद्यालयों में बच्चे, शिक्षक व आमजन एक साथ सूर्य नमस्कार कर भारतीय पारंपरिक योग प्रणाली द्वारा स्वस्थ जीवन जीने का संदेश देंगे। पिछले वर्ष राज्य में 1.33 करोड़ विद्यार्थियों ने एक साथ सूर्य नमस्कार कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को देखते हुए इस बार के आयोजन में और अधिक उत्साह देखने को मिलेगा। राज्य के सभी राजकीय एवं निजी विद्यालयों में प्रात: 9 बजे एक साथ सूर्य नमस्कार रखा गया है।

शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर स्वयं एसएमएस स्टेडियम के फुटबॉल मैदान में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सूर्य नमस्कार करेंगे।

शिक्षामंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर शामिल होने की अपील की है।

राजस्थान की नजर इस बार पुराना रिकॉर्ड तोड़कर नया विश्व रिकॉर्ड कायम करने पर है। पिछली बार आयोजन में 78,974 विद्यालयों के 1.33 करोड़ विद्यार्थियों ने भाग लिया था। इस बार सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षक-शिक्षिकाएं, स्कूल स्टाफ, एसएमसी, एसडीएमसी के सदस्यों के साथ अभिभावक एवं आमजन भी इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनेंगे। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देशानुसार इस बार कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को भी सूर्य नमस्कार का भागीदार बनाया जाएगा। छोटे बच्चों को यथा शक्ति सूर्य नमस्कार के दो से तीन चरण ही कराए जाएंगे। अन्य सभी इसके 10 चरण करेंगे।

प्रदेश के सभी विद्यालयों में इसके लिए एक सप्ताह पहले से ही सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया जा रहा है। बीमार या ऐसे विद्यार्थी या शिक्षक या अभिभावक, जो हाल में किसी शल्य प्रक्रिया से गुजरे हों, वे इसका हिस्सा नहीं होंगे।

क्रीड़ा भारती संस्था सूर्य नमस्कार में सभी विद्यालयों एवं शिक्षक संस्थाओं का सहयोग करेगी। संस्था से जुड़े एक्सपर्ट विद्यालयों में व्यक्तिगत तौर पर सूर्य नमस्कार का वैज्ञानिक महत्व बताएंगे। साथ ही नमस्कारासन, हस्तोत्तानासन सहित योग की सभी क्रियाओं को लाइव करके समझाएंगे, ताकि प्रतिदिन विद्यालयों में प्रार्थना सभा के वक्त इसका अभ्यास कराया जा सके।

दिलावर का कहना है कि सूर्य नमस्कार एक आयोजन नहीं, बल्कि एक दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों की जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन लाना और उनके स्वास्थ्य से जुड़ा होना चाहिए। इस बार हम सूर्य नमस्कार में पिछले वर्ष बनाए गए विश्व रिकॉर्ड से बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

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न्यूज़ एजेंसी/ रोहित


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