


इंदौर, 27 फरवरी (न्यूज़ एजेंसी)। उच्चतम न्यायालय द्वारा भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्टरी के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज करने के बाद 56 दिन से रामकी संयंत्र में खड़े कंटेनरों को गुरुवार को खोला गया। अब इस कचरे को शुक्रवार से भस्मक में जलाने की तैयारी होगी। उससे पहले मप्र उच्च न्यायालय के निर्देश पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। रामकी कंपनी के आसपास गुरुवार को भारी पुलिस बल तैनात रहा।दरअसल, देश की शीर्ष अदालत ने गुरुवार को इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान मप्र उच्च न्यायालय के कचरा जलाने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद पीथमपुर में जहरीला कचरा जलाने का रास्ता साफ हो गया। भोपाल से करीब दो माह पहले भेजे गए कंटेनरों में भरकर इस कचरे को पीथमपुर भेजा गया था। कुछ दिनों पहले ही कंटेनरों को ट्रकों से अलग किया गया था। अब उस कचरे को चार से छह माह के भीतर जलाया जाएगा।शुक्रवार को विशेषज्ञों की मौजूदगी में कचरे के निपटान का ट्रायल रन होगा। इस दौरान वातावरण में कचरा जलाने के प्रभाव का आकलन किया जाएगा और उसकी रिपोर्ट तैयार कर अगली सुनवाई में हाईकोर्ट को सौंपी जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश पर रामकी ने 10 मीट्रिक टन कचरा जलाने के ट्रायल की प्रक्रिया शुरू कर दी।इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह ने बताया कि कचरा जलाने के दौरान धार के कलेक्टर और एसपी मौके पर मौजूद रहेंगे और यह ट्रायल रन हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। इधर, पीथमपुर में कचरा जलाने का विरोध कर रहे संगठनों ने कहा है कि वे हाईकोर्ट में अपनी बात रखेंगे और आंदोलन जारी रखेंगे।800 डिग्री तक गर्म करेंगे भट्टी
कचरे का निपटान आशापुरा गांव में लगे रामकी के भस्मक में होगा। कचरे को 800 डिग्री तापमान से ज्यादा में जलाया जाएगा। इसके लिए रात से ही भट्टी को गर्म करने की प्रक्रिया शुरू होगी। तीन दिन में 10—10 टन कचरे का निपटान होगा और जो कचरा जलाने के बाद जो राख निकलेगी, उसे परिसर में ही जमीन में दफन किया जाएगा।30 टन कचरा जलाने के बाद हाई कोर्ट में पेश की जाएगी रिपोर्ट
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि ट्रायल रन की प्रक्रिया हाईकोर्ट के आदेशानुसार शुरू की जा रही है। पहले 10 मीट्रिक टन कचरे का पहला ट्रायल रन किया जाएगा। इसके बाद 4 मार्च को 10 मीट्रिक टन और 10 मार्च को 10 मीट्रिक टन अतिरिक्त कचरा जलाया जाएगा। इस 30 मीट्रिक टन कचरे को जलाने की रिपोर्ट 27 मार्च को हाईकोर्ट में पेश की जाएगी।मुख्यमंत्री ने यूका कचरे को बताया कांग्रेस का पाप
इधर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यूनियन कार्बाइड (यूका) के मामले में कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि यह कांग्रेस के पाप थे। उनके शासन काल में ही भोपाल में हुई गैस त्रासदी में लोगों की मौत हुई थी। कांग्रेस ने घटना को ऐसे ही छोड़ दिया था। लंबे समय तक उनकी सरकार थी। कोर्ट और कैबिनेट के निर्णय के आधार पर पीथमपुर का चयन हुआ। उस समय भी कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस दो मुही राजनीति करती है। पाप खुद करती है और दूसरे के सिर पर मढ़ती है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार की रात इंदौर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री यहां मंत्री तुलसीराम सिलावट के पुत्र के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए इंदौर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि यूका के लिए लाइसेंस कांग्रेस की सरकार ने ही दिया था। भारत सरकार से ही लाइसेंस मिलता है। मनमोहन सिंह की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने कचरा जलाने का लाइसेंस दिया था। यह तथ्य हमने जब कोर्ट के सामने रखे तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। अब कांग्रेस इस पर जवाब दें।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर
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