महाकुम्भ से संगम समागम व समन्वय का संदेश पूरी दुनिया में जाना चाहिए: भैयाजी जोशी

कार्यक्रम को संबोधित करते भैय्याजी जोशी
बौद्ध समागम में मंचासीन अतिथि
कार्यक्रम में उपस्थित बौद्ध भिक्षु

भारत को समझना है तो महाकुम्भ में आएं

महाकुम्भनगर,05 फरवरी (न्यूज़ एजेंसी)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश जोशी उर्फ भैयाजी जोशी ने बुधवार को प्रभु प्रेमी शिविर में आयोजित बौद्ध भिक्षुओं के कार्यक्रम में कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ से संगम समागम व समन्वय का संदेश पूरी दुनिया में जाना चाहिए। कुंभ का तीन शब्दों से संबंध है। जो भी यहां आता है, वह संगम जाकर स्नान की इच्छा रखता है। यहां गंगा-जमुना व सरस्वती मिल जाती हैं तो भेद दिखाई ​नहीं देता। यहां संगम से पूर्व अलग-अलग धारायें हैं। संगम का संदेश है कि यहां से आगे एक धारा चलेगी। उन्होंने कहा कि दूसरा है समागम। देश के विविध प्रकार के मत मतांतर के सभी श्रेष्ठ संत यहां आकर आपस में मिलकर संवाद व चर्चा करते हैं । संत एक साथ आयेंगे तो सामान्य लोगों को भी एक सा​थ मिलकर चलना चाहिए। तीसरा शब्द है वह है समन्वय। विश्व में चलना है तो सबको साथ लेकर चलना।

भैयाजी जोशी ने कहा कि कुछ लोगों ने इकट्ठा होकर चर्चा की कि सारे विश्व पर किसका प्रभाव होगा तो कहा गया कि जिसके पास भौतिक सम्पदा होगी, वह संचालित करेंगे। दूसरे व्यक्ति ने कहा कि जिसके पास संख्या होगी, वह नेतृत्व करेगा। तीसरा पक्ष आया कि विश्व को संचालित वहीं करेंगे जो सबको साथ लेकर चलने की ताकत रखता हो। यह शक्ति भारत के पास है।

भैयाजी जोशी ने कहा कि सारे विश्व को भारत को समझना होगा तो इस प्रकार के पर्वों को भी समझना होगा। महाकुम्भ में एक बार आएं, तब सब प्रकार की भ्रान्तियां समाप्त होंगी। जो कहते हैं यहां आपस में विवाद हैं। यहां देखकर एक संघ एक समाज के रूप में चलते हैं यह देखने को मिलेगा।

उन्होंने कहा कि बाबा साहब आम्बेडकर ने हमें संविधान दिया। उस संविधान की पहली पंक्ति है, हम भारत के लोग हैं। उन्होंने जाति बिरादरी के लोग, ऐसा नहीं कहा। ग्रन्थ पूजा पद्धति सम्प्रदाय कोई होगा संविधान के अनुसार सारा भारत एक है। भारत माता की जय बोलने वाले सब एक माता के पुत्र हैं। जो इस मिट्टी के प्रति श्रद्धा व भक्ति रखता है वही वंदे मातरम बोलता है। उज्ज्वल भविष्य को संकेत देने वाला यह बौद्ध भिक्षुओं का कार्यक्रम है। शुद्धता,प्रतिबद्धता का संस्कार जब तक नहीं होगा तब तक समन्वय नहीं होगा।

इस कार्यक्रम को जूना अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार,क्षेत्र प्रचारक अनिल,प्रान्त प्रचारक रमेश, निर्वासित तिब्बत की रक्षामंत्री गैरी डोलमा,धर्म संस्कृति संगम के राष्ट्रीय महासचिव राजेश लाम्बा,

उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अरुण सिंह बौद्ध प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन


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