
शिमला, 10 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। स्वच्छ भारत मिशन के तहत हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण स्वच्छता को लेकर बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। राज्य के 16 हज़ार से ज्यादा गांव खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं।
सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार के सवाल के जवाब में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि हिमाचल प्रदेश में खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस के तहत 16,125 गांवों को स्वयं शौच मुक्त घोषित किया गया है। इसमें उद्यमान श्रेणी के 1,497, उज्ज्वल श्रेणी के 558 और उत्कृष्ट श्रेणी के 14,070 गांव शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में ठोस और तरल कचरा प्रबंधन को मजबूती देने के लिए विभिन्न एसएलडब्ल्यूएम (सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट) परिसंपत्तियों की स्थापना की गई है। इसके तहत 6532 अपशिष्ट संग्रह और पृथक्करण शेड बनाए गए हैं। वहीं 8236 सामुदायिक खाद गड्ढे और 1,25,782 पारिवारिक खाद गड्ढे स्थापित किए गए हैं। 4967 वाहन कचरा एकत्र करने के लिए तैनात किए गए हैं। 7903 सामुदायिक सोख्ता गड्ढे और 1,33,310 पारिवारिक सोख्ता गड्ढे बनाए गए हैं।7,81,276 किचन गार्डन को बढ़ावा दिया गया है। 2158 फाइकोट्रैप, डिवर्टर, वेटलैंड्स और इनकी तालाबें बनाई गई हैं। 620 अपशिष्ट रिसाइक्लिंग तालाब (डब्ल्यूपीएसपी) विकसित किए गए हैं।
सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार ने हिमाचल की स्वच्छता पर पूछे सवाल
सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल से हिमाचल प्रदेश में ओडीएफ प्लस मॉडल की स्थिति और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण की प्रगति को लेकर सवाल किया। उन्होंने जानना चाहा कि क्या केंद्र सरकार ने हाल ही में इस विषय पर हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों के साथ कोई समीक्षा बैठक की है? साथ ही यह भी पूछा कि हिमाचल में स्वच्छता बनाए रखने, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन को सुनिश्चित करने और सामने आई कमियों को दूर करने के लिए क्या विशेष रणनीति अपनाई जा रही है?
तीन दिसंबर को हुई समीक्षा बैठक : पाटिल
इसके जवाब में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने बताया कि 3 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली में हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण स्वच्छता प्रभारी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक हुई थी। इस बैठक में राज्य में स्वच्छता की जमीनी स्थिति का आकलन किया गया और यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया कि गांवों को स्वच्छता के नए मानकों के अनुरूप विकसित किया जाए।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत बुनियादी ढांचे में सुधार करके और आवश्यक संसाधनों का विकास करके खुले में शौच मुक्त प्लस (ओडीएफ प्लस) लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में बेहतरीन कार्य किया है।
स्वच्छता बरकरार रखने के लिए केंद्र सरकार का सहयोग
केंद्रीय मंत्री पाटिल ने स्पष्ट किया कि स्वच्छता राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है, लेकिन केंद्र सरकार राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण का दूसरा चरण 2020-21 से 2025-26 तक लागू किया गया है, जिसमें खुले में शौच मुक्त स्थिरता और गांवों को ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत कवर करने पर जोर दिया गया है।
स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण पर जोर
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में गांवों को ओडीएफ से ओडीएफ प्लस मॉडल में परिवर्तित करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। यह योजना देश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों खासकर हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी और दूरस्थ इलाकों में लागू की जा रही है ताकि स्वच्छता के स्थायी समाधान सुनिश्चित किए जा सकें।
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न्यूज़ एजेंसी/ उज्जवल शर्मा
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