बिजली बोर्ड में युक्तिकरण से पद खत्म नहीं करेगी सरकार : नरेश चौहान

फाइल फोटो : नरेश चौहान

शिमला, 10 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने स्पष्ट किया है कि हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड में युक्तिकरण नीति के तहत पद समाप्त करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है और बिजली बोर्ड कर्मचारियों से बातचीत के लिए सरकार के दरवाजे खुले हैं।

नरेश चौहान ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि बिजली बोर्ड में इस समय 13,000 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि कई पद रिक्त पड़े हैं। बोर्ड के जेनरेशन और सिविल विंग में अतिरिक्त कर्मचारियों और इंजीनियरों को अन्य स्थानों पर समायोजित किया जा रहा है। हालांकि सरकार की किसी भी पद को समाप्त करने की कोई योजना नहीं है।

उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी नेताओं की मुख्यमंत्री से कई बार मुलाकात हुई है, जहां उनकी बात को सुना गया। चौहान ने कर्मचारियों से किसी भी आंदोलन में जाने से पहले सरकार से संवाद करने की अपील की और कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं।

नरेश चौहान ने बताया कि प्रदेश सरकार को हर साल घाटे में चल रहे बिजली बोर्ड को 2,300 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देनी पड़ रही थी। बोर्ड को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने संपन्न उपभोक्ताओं और उद्योगपतियों से सब्सिडी छोड़ने का आग्रह किया, जिसे बड़ी संख्या में लोगों ने स्वीकार किया।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड का कोई अपना प्रोजेक्ट नहीं है। पावर कॉरपोरेशन या अन्य एजेंसियां बिजली उत्पादन करती हैं, और जो मुफ्त बिजली मिलती है, उसे बोर्ड आगे सप्लाई करता है। इसके बावजूद बोर्ड को 2.50 रुपये से 2.70 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है, जिसे संतुलित करने की प्रक्रिया जारी है।

उद्योगों को दी जाने वाली सब्सिडी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा की तुलना में हिमाचल में बिजली दरें कम हैं। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया है कि उनकी किसी भी समस्या का समाधान किया जाएगा और कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।

भाजपा के इस दावे कि हिमाचल में जल्द बड़ा बदलाव होने वाला है, पर प्रतिक्रिया देते हुए चौहान ने कहा कि असल में भाजपा के भीतर ही बड़ा बदलाव होने वाला है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए नेताओं के बढ़ते वर्चस्व से पार्टी में अंदरूनी कलह बढ़ रही है।

विधायक प्राथमिकता बैठक से भाजपा का बहिष्कार दुर्भाग्यपूर्ण

नरेश चौहान ने भाजपा विधायकों के विधायक प्राथमिकता बैठक में शामिल न होने को गलत परंपरा की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने अपने विधायकों को बैठक में शामिल होने से रोका, जबकि भाजपा के कई विधायक इसमें भाग लेना चाहते थे ताकि अपने क्षेत्रों की समस्याओं को रख सकें।

मंडी जिले से भेदभाव के भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने तथ्यों सहित विस्तृत जानकारी दी थी कि जिले के हर विधानसभा क्षेत्र को विकास के लिए उचित धनराशि दी गई है। सरकार प्रदेश के विकास और लोगों की सेवा में विश्वास रखती है, और इसी दिशा में कार्य कर रही है।

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न्यूज़ एजेंसी/ उज्जवल शर्मा


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