वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ माह में 19.28 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण जारी

कृषि क्षेत्र का सांकेतिक फोटो

– पिछले एक दशक में कृषि ऋण वितरण में औसतन 13% से अधिक की वार्षिक वृद्धि दर देखी गई

नई दिल्ली, 31 जनवरी (न्यूज़ एजेंसी)। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीनों में 19.28 लाख करोड़ रुपये के जमीनी स्तर के कृषि ऋण (जीएलसी) जारी किए जा चुके हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि पूरे वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य 27.50 लाख करोड़ रुपये है। 31 दिसंबर, 2024 तक इसमें से 70 प्रतिशत ऋण जारी किया जा चुका है।

मंत्रालय ने कहा कि प्रभावी और परेशानी मुक्त कृषि ऋण की मदद से ग्रामीण क्षेत्र को ऋण बढ़ाने के लिए सरकार जमीनी स्तर पर कृषि ऋण के लिए वार्षिक लक्ष्य तय कर रही है। पिछले एक दशक (2014-15 से 2023-24) में कृषि ऋण वितरण में औसतन 13 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि दर देखी गई है, जो इस क्षेत्र को दिए जाने वाले बढ़ते वित्तीय समर्थन को दर्शाता है।

वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि ऋण वितरण ₹25.48 लाख करोड़ तक पहुंच गया। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत सरकार ने संबद्ध गतिविधियों जैसे डेयरी, पोल्ट्री, भेड़ बकरी सूअर पालन, मत्स्य पालन और पशुपालन-अन्य के लिए 4.20 लाख करोड़ रुपये के समर्पित उप-लक्ष्य के साथ 27.5 लाख करोड़ रुपये का जीएलसी लक्ष्य निर्धारित किया है। यह ग्राउंड लेवल क्रेडिट (जीएलसी) लक्ष्य में तीन गुना से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है, जो वित्त वर्ष 2014-15 में 8 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 27.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह कृषि और संबद्ध क्षेत्र के ऋण वितरण में की गई पर्याप्त प्रगति को रेखांकित करता है, जो क्षेत्रीय मांगों को पूरा करने में लक्षित ऋण नीतियों की प्रभावशीलता को उजागर करता है। 27.50 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले, 31 दिसंबर 2024 तक 19.28 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण वितरित किया गया है, जो 70 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज करता है।

हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव


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