रामाश्रय योजना से बुजुर्गों को मिल रहा स्वास्थ्य का संबल

रामाश्रय योजना से बुजुर्गो को मिल रहा स्वास्थ्य का संबल
रामाश्रय योजना से बुजुर्गो को मिल रहा स्वास्थ्य का संबल

धौलपुर, 4 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। मरु प्रदेश के नाम से चर्चित राजस्थान के वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल के लिए सूबे की सरकार ने रामाश्रय योजना शुरू की है। इस योजना के अमलीजामा पहनाने के बाद प्रदेश के दस लाख से अधिक बुजुर्ग स्वास्थ्य की संजीवनी से लाभान्वित हो चुके हैं। सरकार की इस कवायद में बुजुर्गों के लिए पारिवारिक देखभाल और सम्मान के साथ बेहतर तथा निशुल्क चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हैं। जिसके लिए प्रत्येक जिला स्तर पर जिला अस्पताल में विशेष वार्ड भी बनाए गए हैं। इन वार्डों में चिकित्सक तथा अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती कर बुजुर्गों को लाभान्वित किया जा रहा है। यही वजह है कि रामाश्रय योजना से बुजुर्गो को उत्तम स्वास्थ्य का संबल मिल रहा है।

सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में वृद्धजनों को सुगमतापूर्वक विशेष स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किए गए रामाश्रय वार्ड (जेरियाट्रिक वार्ड एवं जेरियाट्रिक क्लीनिक) जनसेवा का एक सार्थक माध्यम बनकर उभरे हैं। यहां बुजुर्गों को सम्मान के साथ बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवायी जा रही हैं। बीते साल 14 मार्च से राज्य सरकार की सौ दिन की कार्य योजना के तहत प्रारम्भ हुई इस संवेदनशील पहल से प्रदेश में अब तक करीब दस लाख से अधिक बुजुर्ग लाभान्वित हो चुके हैं।

धौलपुर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय सिंह ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर धौलपुर के जिला अस्पताल में भी रामाश्रय वार्डों में 10 फाउलर बैड आरक्षित किए गए हैं। इनमें से 5 बैड महिला एवं 5 बैड पुरुषों के लिए हैं। हर बैड के बीच पार्टीशन कर पर्दे लगाए गए हैं। बैड के पास नर्सिंग अलार्म सिस्टम लगाए गए हैं, ताकि आपात स्थिति में वृद्धजन तुरंत नर्सिंग स्टाफ को बुला सकें। वार्ड में महिला एवं पुरूष रोगियों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं। वार्ड में फिजियोथेरेपिस्ट एवं फिजियाथैरेपी से संबंधित उपकरणों की समुचित व्यवस्था की गई है।

प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय सिंह ने बताया कि विगत एक वर्ष में जिला अस्पताल धौलपुर में स्थापित किए गए रामाश्रय वार्ड में करीब 1 हजार 967 बुजुर्गों का उपचार किया गया है। जिसमें 1 हजार 52 पुरुष और 915 महिला मरीज शामिल है। डॉ. सिंह बताते हैं कि अब तक 5 लाख 14 हजार से अधिक बुजुर्गों ने रामाश्रय वार्ड की ओपीडी में विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के लिए परामर्श लिया है। इसी प्रकार रामाश्रय आईपीडी में 32 हजार से अधिक वृद्धजनों को भर्ती कर उपचार उपलब्ध करवाया गया है।

अब तक 3 लाख 14 हजार से अधिक लैब टैस्ट किए गए हैं एवं 8 हजार 320 बुजुर्गों को फिजियोथैरेपी सेवाएं प्रदान की गयी हैं। गंभीर स्थिति में उच्च स्तरीय उपचार के लिए 1 हजार 706 रोगियों को यहां रैफर किया गया है। रामाश्रय योजना में हर वार्ड का नोडल अधिकारी बनाया गया है तथा बैड पर ही जांच की जा रही है।

प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय सिंह ने बताया कि वार्ड का एक नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो वार्ड की समस्त व्यवस्थाओं का प्रबंधन करता है। रोगियों की देखभाल के लिए अलग से नर्सिंग स्टाफ तथा साफ-सफाई के लिए कार्मिक नियोजित किए गए हैं। वृद्धजनों को आईपीडी के समय पर विशेषज्ञ सेवाएं वार्ड में ही उपलब्ध हो रही हैं। जांच के लिए सैम्पल भी वार्ड से ही एकत्र कर रिपोर्ट भी बैड पर ही उपलब्ध करवाई जा रही है।

वृद्धजनों के उपचार एवं अन्य व्यवस्थाओं से संबंधित सभी चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, फिजियोथैरेपिस्ट एवं अन्य कार्मिकों के दूरभाष नंबरों की सूची वार्ड के बाहर प्रदर्शित की गई है। रामाश्रय वार्ड में भर्ती बुजुर्गों द्वारा मेडिकल स्टाफ से संपर्क करने के लिए अब जल्दी ही इंटरकॉम एवं घंटी की व्यवस्था भी किया जाना प्रस्तावित है। इस व्यवस्था की अमल में आने पर वृद्धि जान अपने बेड पर से ही आवश्यकता पड़ने पर मेडिकल स्टाफ को बुला सकेंगे।

व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए भारत सरकार को भेजा प्रस्ताव

प्रदेश के अस्पतालों में वृद्धजनों को सुविधाजनक रूप से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए चिकित्सा विभाग ने 22 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव के तहत वृद्धजनों के उपचार के लिए आवश्यक उपकरण, चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण सहित अन्य कार्य सम्पादित किए जाएंगे। प्रदेश में बुजुर्ग अब साल में चार बार नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच करवा सकेंगे। यह सुविधा बुजुर्गों के लिए सभी जिला अस्पतालों, उप जिला अस्पतालों से लेकर सीएचसी स्तर तक उपलब्ध होगी। साथ ही सभी जिला अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में बुजुर्गों को पार्किंग सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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न्यूज़ एजेंसी/ प्रदीप


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