
लोहरदगा, 10 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम 2025 (एमडीए) का शुभारंभ सोमवार को सदर अस्पताल परिसर में किया गया।
कार्यक्रम में उपायुक्त डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण, उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, सिविल सर्जन डॉ शंभूनाथ चौधरी आ कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों ने एमडीए की दवा के रूप में डीईसी और एल्बेंडाजोल की निर्धारित खुराक ली और सभी से लोहरदगा जिला को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए अपने स्तर से प्रयास करने का संदेश दिया।
सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम 2025 (एमडीए) 11 फरवरी से 25 फरवरी 2025 तक डोर-टू-डोर संचालित होगा। आज स्वास्थ्य कार्यकताओं द्वारा बूथ स्तर पर यह दवा खिलायी गयी।
इस कार्यक्रम की शुरुआत उपायुक्त और अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर की।
इस मौके पर उपायुक्त ने कहा कि फाइलेरिया की बीमारी से बचाव के लिए एकमात्र उपाय बीमारी से पूर्व ही दवा लेना है जो सौ प्रतिशत कारगर है। फाइलेरिया से बचने के लिए जरूरी है कि इसकी कड़ी को तोड़ा जाए। एमडीए की दवा के तहत किसी भी व्यक्ति को वर्ष में एक बार निर्धारित मात्रा में खुराक लेनी है जिससे फाइलेरिया के प्रभाव में आने का खतरा समाप्त हो जाता है।
उन्होंने कहा कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है और कोई भी व्यक्ति मच्छर के काटे जाने के खतरे से अछूता नहीं है। जब एक मच्छर व्यक्ति को काटता है तो उससे व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु प्रवेश कर जाते हैं। फाइलेरिया से प्रभावित व्यक्ति को जब एक मच्छर काटता है तो वह मच्छर फाइलेरिया का वाहक बन जाता है। जब फाइेरिया की दवा खाते हैं तो वह उस कीटाणु के प्रभाव को खत्म कर देता है।
वहीं दूसरी ओर अगर कोई व्यक्ति एक बार फाइलेरिया से ग्रसित हो जाता है तो कोई सर्जरी भी उसे पहले जैसा नहीं बना पाती। बीमारी के बाद इसका इलाज संभव नहीं है। सरकार की ओर से एमडीए की दवा निःशुल्क वितरण की जा रही है। लोहरदगा जिला में अभी भी फाइलेरिया के मरीज हैं। जो व्यक्ति अभी फाइलेरिया से ग्रसित नहीं है उनमें से गर्भवती महिला, दो वर्ष की उम्र से कम बच्चों और अत्यंत गंभीर रूप बीमार लोगों को छोड़कर सभी को एमडीए की खुराक लेनी चाहिए। लेकिन आनेवाली पीढ़ी इसकी चपेट में नहीं आए इसके लिए सभी को एमडीए की दवा दी जानी जरूरी है।
मौके पर उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने कहा कि एमडीए की दवा पूरी तरह सुरक्षित है, यह कीटाणु से होता है इसके लिए कीटाणु के प्रभाव को समाप्त करने के लिए वर्ष में एक बार दवा लेना जरूरी है। सरकार इसके लिए प्रत्येक वर्ष दवा सेवन का एक अभियान चलाती है जिसमें सभी को यह दवा जरूर खाना चाहिए। इसका कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं है। उप विकास आयुक्त ने कहा कि जब स्वास्थ्य विभाग की टीम इस अभियान को घर-घर जाकर चलाए तो लाभुकों को यह दवा मौके पर ही खिलायी जाए। कोई भी टीम दवा देकर नहीं लौटे बल्कि अपने सामने ही खिलाए। पूरी टीम को सौ प्रतिशत दवा वितरण का कार्यक्रम पूर्ण करना है ताकि जिला को फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सके।
———
न्यूज़ एजेंसी/ गोपी कृष्ण कुँवर
Discover more from सत्यबोध इंडिया न्यूज़
Subscribe to get the latest posts sent to your email.