सोनीपत: संविधान निर्माताओं की कल्पना के अनुरूप देश प्रगति पथ पर: डा. प्रीतम

10 Snp-3  सोनीपत: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डॉ.         भीमराव अंबेडकर स्टडी सेंटर के निदेशक डॉ. प्रीतम संबोधित करते हुए।

सोनीपत, 10 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। कुरुक्षेत्र

विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्टडी सेंटर के निदेशक डॉ. प्रीतम ने कहा कि भारत

अपने संविधान निर्माताओं की कल्पना के अनुरूप प्रगति पथ पर अग्रसर हो रहा है। देश का

विकास संविधान के अनुरूप हुआ है, इस कारण भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

बन चुका है। दीनबंधु

छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में सोमवार को एनसीसी और एनएसएस

के सहयोग से हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम

में मुख्य वक्ता डॉ. प्रीतम थे, जबकि अध्यक्षता कुलपति प्रो. श्री प्रकाश सिंह ने की।

डॉ.

प्रीतम ने अपने संबोधन में संविधान निर्माण की ऐतिहासिक प्रक्रिया पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली ने अपने

मंत्रियों को भारत भेजा, ताकि सत्ता हस्तांतरण की रूपरेखा तैयार की जा सके। 1925 में

ही पाकिस्तान बनने की मांग उठने लगी थी और अंग्रेजों ने मुस्लिम लीग को इसका समर्थन

दिया।

संविधान

सभा में 389 सदस्य थे, लेकिन डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम प्रारंभ में इसमें शामिल नहीं

था। बाद में बंगाल से उनका चयन किया गया। मुस्लिम लीग ने संविधान सभा में भाग लेने

से इनकार कर दिया, जिससे उनकी सीटें खाली रह गईं। संविधान निर्माण के लिए 8 प्रमुख

और 13 छोटी समितियां बनाई गईं। पाकिस्तान बनने के बाद 90 सदस्य वहां चले गए और संविधान

सभा में 299 सदस्य रह गए। इन समितियों की रिपोर्ट का अध्ययन करने और उन्हें कानूनी

रूप देने का कार्य डॉ. अंबेडकर को सौंपा गया। उन्होंने 1 वर्ष, 1 माह, और 4 दिन में

इस कार्य को पूरा किया।

संविधान

सभा में पारित प्रस्ताव संविधान का अंग बने। संविधान को लचीला और कठोर दोनों बनाने

का विशेष प्रावधान किया गया, जिससे आवश्यकतानुसार संशोधन संभव हो सके। कुलपति प्रो.

श्री प्रकाश सिंह ने निर्देश दिया कि संविधान की प्रतियां पुस्तकालय में रखी जाएं,

ताकि विद्यार्थी, शिक्षक और कर्मचारी इसका अध्ययन कर सकें। उन्होंने इसे भारत का राष्ट्रीय

ग्रंथ बताते हुए इसके पालन का आह्वान किया। कार्यक्रम के अंत में रजिस्ट्रार डॉ. अजय

गर्ग ने कहा कि इस व्याख्यान से विद्यार्थियों में संविधान अध्ययन की रुचि बढ़ेगी।

मंच संचालन एनसीसी निदेशक डॉ. प्रदीप सिंह ने किया। प्रो. अशोक शर्मा, प्रो. परविंद्र

सिंह, प्रो. सुखदीप सिंह, डा.बिरेंद्र हुड्डा, डिप्टी रजिस्ट्रार डा. जगवेंद्र सिंह,

डा.एच.के.अग्रवाल, डा.मेहर सिंह, डा. प्राची चौधरी, डा.ममता भगत, एसडीओ रमन, जेई कृष्ण

कुंडू, दिलबाग डागर, आकाश,रविंद्र सांगवान व पवन खत्री आदि उपस्थित थे।

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न्यूज़ एजेंसी/ नरेंद्र शर्मा परवाना


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