
दंतेवाड़ा,31 जनवरी (न्यूज़ एजेंसी)। छत्तीसगढ़ के वन और सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा ‘बेचारी’ शब्द का प्रयोग करने पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे कांग्रेस की महिला शक्ति के प्रति कांग्रेस की निकृष्ट सोच और आदिवासी विरोधी राजनीतिक चरित्र का परिचायक बताया है। कश्यप ने आज शुक्रवार काे एक बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस में एक खानदान के लोग और उनकी चरण वंदना में लीन कांग्रेस के तमाम नेता जिस तरह की भाषा लगातार इस्तेमाल करके मातृशक्ति, जनजातीय समाज और अन्य सभी वर्गों को अपमानित कर रहे हैं, वह निंदनीय है।
प्रदेश के वन मंत्री कश्यप ने कहा कि सोनिया गांधी ने आज राष्ट्रपति मुर्मू के लिए बेचारी शब्द का जो उपयोग किया है, उसके लिए पूरा देश सोनिया गांधी की निंदा कर रहा है।
कश्यप ने कहा कि सोनिया गांधी की यह भाषा बता रही है कि कांग्रेस वैचारिक रूप से कितनी कंगाल होती जा रही है! कांग्रेस का समूचा इतिहास आदिवासी समाज के प्रति नफरत से भरा पड़ा है और यह नफरत बार-बार जाहिर होती रही है। एक आदिवासी समाज की बेटी राष्ट्रपति बनी है, यह कांग्रेस को हजम ही नहीं हो रहा है और अब तो सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मू को ‘बेचारी’ कहकर कांग्रेस की ओछी राजनीतिक संस्कृति का परिचय दे दिया है।
कश्यप ने कहा कि कोई भी आदिवासी बेचारा नहीं होता है। आदिवासियों ने इस देश की सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और हर एक प्रकार की संस्थाओं के विकास के साथ-साथ देश के 1857 के स्वाधीनता संग्राम से भी पहले से इस देश को विदेशी दासता से बचाने के लिए सशस्त्र क्रांति कर बलिदान दिया है और देश की आजादी से लेकर के अब देश के विकास में उनका महती योगदान है।
उन्हाेंने कहा कि कांग्रेस की परम्परा रही है कि वह आदिवासी समाज को हमेशा नीचा दिखाने का काम करती है। इससे पहले भी कांग्रेस के एक नेता ने राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नी कह दिया था और कांग्रेस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। कश्यप ने कहा कि द्रोपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ दौरे का विरोध करके भी कांग्रेस ने अपनी विकृत मानसिकता का प्रदर्शन किया था। प्रदेश की जनता से आदिवासी विरोधी कांग्रेस को सबक सिखाने की अपील करते हुए कश्यप ने कहा कि कांग्रेस में अगर थोड़ी भी शर्म बची है, तो भूपेश बघेल, दीपक बैज समेत प्रदेश के तमाम कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की अभद्र भाषा के लिए कान पकड़कर माफी मांगें अन्यथा छत्तीसगढ़ की जनता उन्हें बहुत बड़ी सजा देगी।
न्यूज़ एजेंसी/ गेवेन्द्र प्रसाद पटेल
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