
बिजनौर,4 फरवरी ( न्यूज़ एजेंसी) | जनपद में वन विभाग की मिलीभगत से मुख्यालय के आसपास क्षेत्र में बड़े स्तर पर हरे फलदार वृक्षों का कटान किया जा रहा है। आराेप के मुताबिक एक दिन पहले ही रेंजर बिजनौर,वन दरोगा मदनलाल, रचित चौधरी की जानकारी में नगीना रोड पर पराग डेरी के निकट राधापुरम कालोनी के पीछे प्रतिबंधित प्रजाति के आठ पेड़ काट दिए गए। लकड़ी माफिया योगेश उर्फ पंडित का नाम इस मामले बताया गया है जिसकी वन विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ रही है।
पेड़ कटने की जानकारी डीएफओ ज्ञान सिंह को मिलने पर रेंजर महेश गौतम से कार्यावाही करने को कहा गया जिसके बाद आनन-फानन में वन दरोगा मदनलाल, रचित चौधरी ने मामला बिगड़ता देख काटी गई लकड़ी के साथ लकड़ी माफियाओं को भी पकड़ लिया था जिन्हें अचानक छोड़ भी दिया गया। छोड़ने के बारे में पूछे जाने पर रचित चौधरी का जबाब था कि डीएफओ के आदेश पर छोड़ा गया है जबकि डीएफओ से जानकारी करने पर वह अनिभिज्ञता प्रकट कर रहे हैं। फोन पर इस मामले में रचित चौधरी से पूछ्ते है तो रचित चौधरी द्वारा ऐसा कहे जाने से इंकार कर दिया गया। पकड़ी गई लकड़ी में खेल करते हुए वन दरोगा ने आधी किसी जानकार ठेकेदार को देकर बाकी जब्ती दिखाई।
गौरतलब है कि इसी बाग में पहले भी अवैध रूप से चालीस पेड़ काटे जा चुके हैं जिसमें बाग मालिक अज़हर के विरुद्ध विभाग ने मुकदमा दर्ज किया था जबकि लकड़ी काटने वाले माफियाओं को अभयदान दे दिया गया था। ऐसी ही कई घटनाएं मंडावर क्षेत्र में भी हो चुकी हैं। वन विभाग दबाव पड़ने पर जुर्माना की कार्रवाई कर देता है जिसके कारण लकड़ी माफिया वन विभाग अधिकारियों से हमसाज होकर हरे वृक्षों पर आरे चला रहे हैं। डीएफओ ज्ञान सिंह का कहना है कि किसी भी अधिकारी की संलिप्तता पाये जाने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।
क्षेत्रीय लाेगाें का कहना है कि बिजनौर रेंजर कार्यालय की मिलीभगत से क्षेत्र में बड़े स्तर पर हरे फलदार वृक्षों का कटान किया जाना जारी है। कार्यवाही के नाम पर जुर्माना कर खानापूर्ति कर दी जाती है इसी आड़ में कानून व्यवस्था को दरकिनार किया जा रहा है।
न्यूज़ एजेंसी/ नरेन्द्र
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