उत्तराखंड बजट सत्र: विपक्ष ने स्मार्ट मीटर और आपदा राहत पर उठाए सवाल, सरकार बोलीं- पारदर्शी तरीके से लगाए जा रहे मीटर

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण सत्र का संचालन करती।

देहरादून, 19 फरवरी (न्यूज़ एजेंसी)। उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने आपदा राहत और स्मार्ट मीटर पर सरकार को सदन में घेरा। इस दौरान सत्ता पक्ष और कांग्रेस विधायकों के बीच कई मौके पर जमकर नोकझोंक भी हुई। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि केंद्र पोषित योजना के तहत राज्य में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं और पूरा काम पारदर्शी तरीके से हो रहा है।

बुधवार को प्रश्नकाल के बाद पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और पूर्व विधायक स्व. चंद्रशेखर श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि समाज में अच्छा काम करने वालों की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान से हो, हमारा ये प्रयास होता है। मुख्यमंत्री ने सदन में घोषणा की कि जो भी पूर्व विधायक होंगे या समाज में उल्लेखनीय काम किया होगा, उनकी अंत्येष्टि राजकीय सम्मान से की जाएगी।

कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने अपने विधानसभा क्षेत्र में आपदा राहत कार्यों में लापरवाही का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि विधानसभा धारचूला में बहुत गड़बड़ी हो रही है। सरकार पैसा दे रही है लेकिन अधिकारी कार्यों में लापरवाही कर रहे हैं। आपदा के नाम पर कई योजनाओं में फर्जीवाड़ा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुनर्वास नीति में देरी होने से सरकार की योजना फेल साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि 75 लाख रुपये का सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों को दे दिया गया लेकिन विपक्ष को लोगों के साथ दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है।

कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी ने कहा कि खटीमा विधानसभा में भी प्राकृतिक आपदाओं से भारी नुकसान हुआ है। पीड़ित परिवारों को महज 05 हजार रुपये का मुआवजा मिला है। फसलों को नुकसान हुआ फिर भी किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला।

संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि नियमों के आर्थिक मदद अनुरूप दी जाती है। फसलों के नुकसान पर मानकों के अनुरूप मुआवजा राशि दिया गया है। 575 करोड़ रुपये की राहत राशि अभी तक वितरित की गई है। राज्य में 32.65 हेक्टेयर फसल क्षति हुई है। पेयजल योजनाओं के लिए राशि दी गई है। मुख्यमंत्री खुद ग्राउंड जीरो पर जाकर आंकलन किया है।

विधायक ममता राकेश ने भगवानपुर में मेडिकल कॉलेज बनाने का मामला उठाया, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एक जिले में दो मेडिकल कॉलेज नहीं बन सकते। हरिद्वार जिले में पहले से मेडिकल कॉलेज स्थापित हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भगवानपुर में मेडिकल कॉलेज की जगह बना उपजिला चिकित्सालय बना सकते हैं। विधायक ममता राकेश ने सहमति जताते हुए कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर अस्पताल का नाम रखा जाए।

सदन में दोपहर बाद नियम 58 के तहत स्मार्ट मीटर पर चर्चा हुई। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि प्रदेशभर में स्मार्ट मीटर को लेकर आंदोलन हो रहा है। इस योजना पर 1500 करोड़ खर्च हो रहा है। केंद्र सरकार राज्यों को स्मार्ट मीटर लगाने के लिए मजबूर कर रही है। कम्पनियां स्मार्ट मीटर लगाने के बाद आम जनता पर मनचाहा दबाव बनाएगी। स्मार्ट मीटर में कई खामियां है। जिन राज्यों में स्मार्ट मीटर लगे वहां कई दिक्कते सामने आई हैं। सही वोल्टेज व रीडिंग नहीं बताएगा स्मार्ट मीटर। कांग्रेस स्मार्ट मीटर का पुरजोर विरोध करती है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अडानी समूह की ओर से लगाए गए मीटरों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार समय रहते सम्भल जाए और जनहित में सही निर्णय ले।

कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीटर बढ़िया काम कर रहा है। सरकार बीना कारण स्मार्ट मीटर पर ख़र्च कर रही है।उन्होंने कहा कि गढ़वाल में जिस कम्पनी को स्मार्ट मीटर का काम दिया गया उस पर भर्ष्टाचार के गम्भीर आरोप है।

उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने स्मार्ट मीटर पर सवाल खड़ा करते हुए स्मार्ट मीटर में किस समय बिजली चली जाय कुछ पता नहीं है। उन्होंने यूपीसीएल के एमडी के एक्सटेंशन पर सरकार को घेरा।

चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने स्मार्ट मीटर पर कहा कि योजना को लागू करने से पहले प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों की तरफ देखने का काम सरकार ने नहीं किया। हमने सदन में भी औऱ सड़क पर भी सरकार को चेताने का काम करेंगे।

संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने स्मार्ट मीटर पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर को लेकर भ्रामक प्रचार किया गया। देश के सभी राज्यों में स्मार्ट मीटर लगना शुरू हो गए हैं। पड़ोसी राज्य हिमाचल में 05 लाख के करीब स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। राज्य में 15 लाख 87 हजार स्मार्ट मीटर लगेंगे। केंद्र पोषित योजना के तहत स्मार्ट मीटर लग रहे हैं। देशव्यापी योजना को राज्य सरकार स्वीकार कर रही है। फोन पर स्मार्ट मीटर से जुड़ी हर अपडेट मिलेगी। जितनी बिजली इस्तेमाल करेंगे उतना ही पैसा देंगे। बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लग रहे हैं।

उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर को पोस्ट पेड मोड में ही लगाया जा रहा है। पूरे देश में 40 कम्पनियों को सूचीबद्ध किया गया।ईनिविदा के माध्यम से 2 कम्पनियों का चयन किया गया। पूरा काम पारदर्शिता के साथ हो रहा है।

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न्यूज़ एजेंसी/ राजेश कुमार


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