कुसुम में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों के जरिए प्राथमिकता से जारी होंगे कृषि कनेक्शन

विधानसभा

जयपुर, 5 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में 33 केवी के जिन सब स्टेशनों पर पीएम कुसुम योजना में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हो चुके हैं, उनसे संबद्ध 11 केवी फीडरों पर प्राथमिकता से सामान्य श्रेणी के कृषि कनेक्शन जारी हो सकेंगे।

नागर प्रश्नकाल के दौरान इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेश में पीएम कुसुम योजना को बढ़ावा देकर सरकार आगामी दाे वर्षों में किसानों को कृषि कार्य के लिए दिन में बिजली उपलब्ध कराने के संकल्प को साकार करेगी।

नागर ने बताया कि योजना के कम्पोनेंट-ए एवं कम्पोनेंट-सी के तहत जयपुर, जोधपुर एवं अजमेर विद्युत् वितरण निगमों में 17,155 मेगावाट क्षमता के 6560 सोलर पावर प्लांटों के लिए स्थान चिन्हित किये गए हैं। कम्पोनेंट-ए में 693 मेगावाट क्षमता के 591 सोलर प्लांट के लिए कार्यादेश जारी किये गए हैं। जिनमें से 303.25 मेगावाट क्षमता के 257 सोलर प्लांट स्थापित भी किये जा चुके हैं। वहीं कम्पोनेंट-सी में 4,443 मेगावाट क्षमता के 1,753 सोलर प्लांटों के लिए कार्यादेश जारी किये गए हैं। जिनमें से 136 मेगावाट क्षमता के 56 सोलर प्लांट स्थापित किये जा चुके हैं।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 5136.50 मेगावाट क्षमता के 2,344 सोलर प्लांट के कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं। जिनमें से 466.40 मेगावाट क्षमता के 313 सोलर प्लांट स्थापित कर दिए गए हैं।

विधायक गोपाल लाल शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में ऊर्जा राज्य मंत्री ने बताया कि कृषि कनेक्शन नीति 2017 के अनुसार जमा मांग पत्र आवेदकों के कृषि कनेक्शन उपलब्ध संसाधनों के आधार पर वरीयतानुसार जारी किए जा रहे हैं।

नागर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा वर्ष 2022-23 के अनुसार सामान्य श्रेणी में 22 फरवरी 2022 तक आवेदकों के कनेक्शन करने का निर्णय लिया गया था। विधानसभा क्षेत्र मांडलगढ में सामान्य श्रेणी के 22 फरवरी 2022 तक आवेदक एवं तुरन्त प्राथमिकता वाले जमा मांग पत्र आवेदकों के 981 कृषि विद्युत कनेक्शन जारी किया जाना लम्बित है। जिनमें से 102 कनेक्शन फसल खड़ी होने एवं रास्ता् उपलब्ध न होने के कारण कनेक्शन जारी करने का कार्य बाधित है। उन्होंने इसका विवरण भी दिया।

नागर ने बताया कि यह लम्बित कृषि कनेक्शन फसल कटने के साथ एवं उपलब्ध संसाधनों के आधार पर वरीयतानुसार जारी किये जा रहे हैं।

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न्यूज़ एजेंसी/ रोहित


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