भारत ने युद्धग्रस्त लेबनान की मदद के लिए भेजी 33 टन चिकित्सा सामग्री

भारत की मानवीय सहायता से लेबनान की स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगी राहत

भारत ने युद्धग्रस्त लेबनान के संकट को देखते हुए मानवीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि भारत की ओर से लेबनान को 33 टन चिकित्सा सामग्री भेजी जा रही है, जिसमें हृदय संबंधी दवाएं, NSAIDs (गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स), एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट, एंटीबायोटिक्स, और एनेस्थेटिक्स शामिल हैं।

पहली खेप में भेजी गई 11 टन सामग्री

आज 11 टन चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप लेबनान भेजी गई है। भारत की इस मदद से लेबनान की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का मुकाबला करने में मदद मिलेगी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, शेष 22 टन चिकित्सा सामग्री की दूसरी और तीसरी खेप आने वाले हफ्तों में भेजी जाएगी, जिससे देश की तत्काल स्वास्थ्य आवश्यकताओं को प्रबंधित करने की क्षमता मजबूत होगी।

इजराइल के हवाई हमलों का प्रभाव

लेबनान में इजराइल के हवाई हमलों के कारण स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो चुकी हैं। अब तक 2,000 से अधिक लेबनानी नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग घायल हैं। इस स्थिति ने लेबनान की चिकित्सा सेवाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिससे चिकित्सा सामग्री का अभाव हो गया है। भारत की सहायता लेबनान के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत का कार्य करेगी।

लेबनान की मांग पर भारत की कार्रवाई

लेबनान ने भारत से अपील की थी कि वह इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत करे। भारत में लेबनान के राजदूत रबी नरश ने चिकित्सा आपूर्ति के लिए भारत की मानवीय सहायता की सराहना की है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का उल्लंघन

इस बीच, दक्षिणी लेबनान में मौजूद बहुराष्ट्रीय शांति सेना ने इजराइल की कार्रवाई को पश्चिम एशियाई देश की संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का उल्लंघन भी बताया है।


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