कोलकाता, 23 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी)। पश्चिम बंगाल स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कश्मीर के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘तहरीक-ए-मुजाहिदीन’ के एक सदस्य जावेद मुंशी को गिरफ्तार किया है। उससे हुई पूछताछ के बाद एसटीएफ ने दावा किया है कि वह बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान भागने की योजना बना रहा था। अधिकारियों के मुताबिक मुंशी के पास से अहम दस्तावेज और सामग्री बरामद हुई है, जिनसे उसके मंसूबों का पता चला है।
रविवार को दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग इलाके से जम्मू-कश्मीर पुलिस और पश्चिम बंगाल एसटीएफ की संयुक्त टीम ने जावेद मुंशी (58) को गिरफ्तार किया। मुंशी ने बांग्लादेश पहुंचने के लिए नदी मार्ग का उपयोग करने की योजना बनाई थी। वहां से वह पाकिस्तान भागने की कोशिश कर रहा था।
एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि मुंशी ने कैनिंग से धमाखाली तक सड़क मार्ग और फिर सुंदरबन के नदी मार्ग का उपयोग करने की योजना बनाई थी। वह रायमंगल नदी के जरिए हेमनगर या फिर उत्तर 24 परगना के संदेशखाली के रास्ते बांग्लादेश के खुलना पहुंचने की कोशिश कर रहा था।
आतंकी संबंध और बरामदगी
पुलिस ने मुंशी के पास से श्रीनगर पते वाला आधार कार्ड, 50 हजार रुपये नकद और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। एसटीएफ के मुताबिक, मुंशी ‘तहरीक-ए-मुजाहिदीन’ का दूसरे नंबर का कमांडर है और वह आईईडी निर्माण और हथियारों के उपयोग में माहिर है।
मुंशी के लश्कर-ए-तैयबा के साथ गहरे संबंध होने का भी शक है। जांच में यह भी पता चला है कि वह कई बार बांग्लादेश जा चुका है और वहां के आतंकियों से संपर्क में था।
फोन रिकॉर्ड और जांच
मुंशी के कब्जे से मिले मोबाइल फोनों की कॉल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। अधिकारी ने कहा, इन कॉल रिकॉर्ड्स से यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि वह किन लोगों के संपर्क में था और क्षेत्र में उसकी मौजूदगी का मकसद क्या था। एसटीएफ को शक है कि मुंशी क्षेत्र में नए लोगों को आतंकवादी गतिविधियों में भर्ती करने की कोशिश कर रहा था।
पाकिस्तान और अन्य आतंकी संगठनों से संबंध
अधिकारियों ने कहा कि ‘तहरीक-ए-मुजाहिदीन’ पाकिस्तान से संचालित होता है और इसके संबंध कश्मीर, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अन्य आतंकी संगठनों से हैं।
इस मामले में एसटीएफ की जांच जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि मुंशी के आतंकवादी संगठनों के साथ और कौन-कौन से गहरे रिश्ते हैं। उसकी गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर
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