पश्चिम बंगाल के अस्पतालों को जीबीएस मामलों के इलाज के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने का निर्देश

पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग

कोलकाता, 05 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के कारण हुई तीन मौतों के बाद, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को जीबीएस के मामलों का प्रभावी ढंग इलाज करने के लिए अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ाने का आदेश दिया है।

इस निर्देश में जीबीएस रोगियों को संभालने के लिए प्रोटोकॉल की स्थापना और किसी भी मामले की तुरंत स्वास्थ्य भवन को रिपोर्ट करने की आवश्यकता शामिल है। स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम की अगुवाई में हाल ही में हुई एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान, अधिकारियों ने जीबीएस के मामलों में संभावित वृद्धि के लिए अस्पतालों की तैयारियों का आकलन किया और प्रभावित रोगियों की वर्तमान संख्या के बारे में जानकारी ली। अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को प्लाज्मा थेरेपी, वेंटिलेशन सपोर्ट सिस्टम और अंतःशिरा इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन सहित आवश्यक चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। तैयारियों को मजबूत करने के लिए, प्रत्येक मेडिकल कॉलेज का न्यूरोलॉजी विभाग विशेष रूप से जीबीएस रोगियों के लिए दो क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) बेड आरक्षित करेगा, साथ ही बाल चिकित्सा गहन चिकित्सा इकाई (पीआईसीयू) में दो बेड भी होंगे।

बच्चों में जीबीएस के लक्षणों को पहचानने के लिए बाल विशेषज्ञों को भी जानकारी दी गई है ताकि शीघ्र निदान और उपचार की सुविधा मिल सके।

विशेषज्ञों ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग को आश्वस्त किया है कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और चिंता की कोई बात नहीं है, उन्होंने कहा कि जीबीएस के छिटपुट मामले पूरे साल होते रहते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक हाल ही में हुई मौतों का आधिकारिक कारण निर्धारित नहीं किया है, जिसमें पीड़ितों में एक 10 वर्षीय और एक 17 वर्षीय किशोर शामिल हैं।

—————

न्यूज़ एजेंसी/ धनंजय पाण्डेय


Discover more from सत्यबोध इंडिया न्यूज़

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

error: Content is protected !!