हरदोई, 22 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी) भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को सिख पंथ के दसवें गुरु गोविंद सिंह के साहेबजादों जोरावर सिंह एवं फतेह सिंह के बलिदान दिवस को वीर बाल दिवस के रुप में मनाया।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष नीरज सिंह ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के चारों पुत्र साहिबजादे जुझार सिंह जी, साहिबजादे अजित सिंह जी, साहिबजादे जोरावर सिंह जी व साहिबजादे फतेह सिंह जी ने मुगल शासकों के अत्याचारों का मुकाबला करते हुए खुद को बलिदान कर दिया था। कहा कि मुगलई शासन ने भारत में इस्लाम थोपने का लोगों को लालच दिया, जिसे न मनाने पर अत्याचार किए गये। कहा कि उस समय एक ओर धार्मिक कट्टरता में अंधी होकर मुगल सल्तनत कत्ले आम कर आगे बढ़ रही थी, तो वहीं दूसरी ओर ज्ञान, भक्ति और तपस्या में तपकर हमारे गुरु शांति और एकता को लेकर आगे बढ़ रहे थे। एक ओर आतंक की पराकाष्ठा थी, लाखों की फौज थी, तो दूसरी ओर अध्यात्म के शीर्ष, निडर गुरु गोविंद सिंह के वीर साहिबजादे थे। गुरु गोबिंद सिंह के छोटे दो साहिबजादो जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह को वजीर खान ने इस्लाम कबूल न करने पर दीवार में जिंदा चुनवा दिया था। औरंगजेब ने गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों का धर्म तलवार के दम पर बदलना चाहा था। लेकिन भारत के वीर बेटे मौत से भी नहीं घबराये, वे दीवार में जिंदा चुन गये और धार्मिक कट्टरता के मंसूबों को सफल नहीं होने दिया।
नीरज सिंह ने कहा कि हमें अपने पूर्वजों के बलिदान के इतिहास को गांव गांव तक पहुंचाना है। नई पीढ़ी को अपने पूर्वजों के इतिहास को जानना चाहिए। कहा कि मौजूदा समय की राजनीति में विपक्ष सत्ता से बाहर होकर बौखला रहा है। वह नहीं चाहता कि देश की नई पीढ़ी अपने अस्तित्व को पहचाने, अपने इतिहास को जाने।
संगोष्ठी में सिख समाज से सरदार बलकार सिंह ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की पहचान उसके सिद्धांतों, मूल्यों और आदर्शों से होती है। हमने इतिहास में देखा है कि जब किसी राष्ट्र के मूल्य बदल जाते हैं, तो कुछ ही समय में उसका भविष्य भी बदल जाता है। अगर हम अपने देश की संस्कृति और धर्म के लिए बुजुर्गों के बलिदान को भूल जाएंगे, तो हमारा अस्तित्व क्या रहेगा। ऐसा देश बहुत समय तक एक नहीं रह पाता और बटकर बर्बाद हो जाता है। बलकार सिंह ने कहा कि गुरुओं के ज्ञान और बलिदान को जन जन तक पहुंचाने के लिए मौजूदा सरकार का फैसला सराहनीय है।
जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्तमान पीढ़ी के आदर्श के रूप में गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर 26 दिसंबर को दोनों साहिबजादों (साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह) की शहादत को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। तब से हर वर्ष धूम धाम से वीर बाल दिवस पूरे देश में मनाया जाने लगा है। कहा कि यह ऐसा अनोखा पर्व है जिसमें नई पीढ़ी वीर ज्ञानी बलिदानी बालकों के शौर्य की गाथा जानेंगी।
संगोष्ठी में सरदार नायब सिंह, सरदार कुलवंत सिंह, सरदार दिलीप सिंह, सरदार जिम्मी सिंह, सरदार तारा सिंह ने भी गुरु गोबिंद सिंह जी के वीर बालकों की शहादत पर अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व जिला अध्यक्ष श्री कृष्ण शास्त्री, रामबहादुर सिंह, डीसीबी अध्यक्ष अशोक सिंह, जिला उपाध्यक्ष राजेश अग्निहोत्री, कर्मवीर सिंह, प्रीतेश दीक्षित, विनोद राठौर, आजाद भदौरिया, महामंत्री अनुराग मिश्र, सत्येंद्र राजपूत, जिलामंत्री अविनाश पांडे, अजय शुक्ल, बागीश सिंह, नीतू चंद्रा, मीडिया प्रभारी गांगेश पाठक, कार्यालय मंत्री अतुल सिंह आदि उपस्थित रहे।
न्यूज़ एजेंसी/ अंबरीश कुमार सक्सेना
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