गबन के आरोप में विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी संजय कुमार राय को लखनऊ मुख्यालय से किया गया संबद्ध 

गबन के आरोप में विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी संजय कुमार राय को लखनऊ मुख्यालय से किया गया संबद्ध

जौनपुर,05 फरवरी (न्यूज़ एजेंसी)। पूर्वांचल विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है।मामला पैसे के गबन का है। इस मामले में कुलपति ने शासन के आदेश पर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए अनियमितता के आरोप में विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी संजय राय के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए उन्हें लखनऊ मुख्यालय से अटैच कर दिया है। वित्त अधिकारी के खिलाफ कठोर कर्रवाई होने से विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया है। उनकी जगह अब अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद के वित्त अधिकारी पूर्णंदु शुक्ला को पूर्वांचल विश्वविद्यालय के वित्तीय कार्यों की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।अनियमितता का यह मामला जुलाई 2023 में प्रकाश में आया था, जब तत्कालीन कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने वित्तीय अनियमितता को गंभीरता से लेते हुए एक कर्मचारी को बर्खास्त और एक अन्य को निलंबित कर दिया था। हालांकि, जांच में यह स्पष्ट हुआ कि कार्यवाही केवल अधीनस्थ कर्मचारियों तक सीमित रही, जबकि उच्च पदस्थ अधिकारी बचाव में लगे रहे। घोटाले की जांच के लिए तत्कालीन कुलपति ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिसमें-प्रो. अजय प्रताप सिंह (मनोविज्ञान विभाग), सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रेमचंद त्रिपाठी चार्टर्ड अकाउंटेंट अमित गुप्ता को शामिल किया गया। प्रो. अजय प्रताप सिंह की रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया, जबकि सेवानिवृत्त न्यायाधीश और चार्टर्ड अकाउंटेंट अमित गुप्ता की रिपोर्ट में विरोधाभास पाया गया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि वित्त विभाग ने परीक्षकों के पारिश्रमिक के नाम पर उनके स्वजन और बाहरी व्यक्तियों के खातों में लाखों रुपये स्थानांतरित कर दिए थे। जब मामला उजागर होने लगा, तो वित्त अधिकारी संजय कुमार राय ने कुछ धनराशि को वापस मंगवाकर नकद जमा करने का प्रयास किया, लेकिन घोटाले की परतें एक-एक कर खुलती चली गईं। प्रारंभिक जांच में इस वित्तीय अनियमितता की राशि लगभग 14 लाख रुपये आंकी गई थी।यदि इसकी इसकी सही जांच की जाएगी तो वास्तविक हेराफेरी की रकम इससे अधिक हो सकती है। घोटाले की गंभीरता को देखते हुए अब इस पूरे प्रकरण की जांच वाराणसी मंडलायुक्त को सौंपी गई है।इस मामले में उच्च पदस्थ अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है, और जांच के पश्चात कई वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई संभव है।इस मामले में बुधवार जानकारी देते कुलपति वंदना सिंह ने बताया कि गबन का मामला सामने आया है। पूरे मामले की वाराणसी के मंडलायुक्त जांच कर रहे हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

न्यूज़ एजेंसी/ विश्व प्रकाश श्रीवास्तव


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