


विज्ञान एवं नवाचार के क्षेत्र में विश्व गुरु बनकर उभर रहा भारत
गुजवि में तीन दिवसीय विज्ञान उत्सव का शुभारंभ
हिसार, 4 फरवरी (न्यूज़ एजेंसी)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि विज्ञान और तकनीक मानव की विकास यात्रा के केंद्र बिंदु हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा विज्ञान की प्रगति ने दुनिया को अविश्वसनीय तरीके से बदल दिया है। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि भारत भी विज्ञान एवं नवाचार के क्षेत्र में विश्व गुरु बनकर उभर रहा है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में मंगलवार से शुरू हुए तीन दिवसीय विज्ञान उत्सव के शुभारंभ अवसर पर संबोधन दे रहे थे।कुलपति ने कहा कि मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 शोध, नवाचार तथा तकनीकी विकास को रेखांकित करते हैं। विज्ञान में वैश्विक चुनौतियों से निपटने की क्षमता है। अब 21वीं सदी को विज्ञान की तकनीक के विकास के मील के पत्थर के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं तकनीक के माध्यम से ही सतत विकास की चुनौती से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि गुजविप्रौवि शोध एवं नवाचार को लगातार बढ़ावा दे रहा है तथा गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के सिद्धांतों पर चलते हुए पर्यावरण संरक्षण व ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रहा है। उन्होंने भारत के महान वैज्ञानिकों को याद किया तथा विद्यार्थियों को नए आइडियाज विकसित करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं सोसायटी के अध्यक्ष धर्मवीर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान हमारे दैनिक जीवन का मूल आधार है। हमारी रसोई अपने आप में एक प्रयोगशाला है। अगर हम विज्ञान को अपने दैनिक जीवन से जोड़ लें तो यह मुश्किल नहीं, बल्कि एक सरल विषय है। उन्होंने हिसार का उदाहरण देते हुए कहा कि इस शहर का तेजी से हुआ विकास विज्ञान की देन है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे विज्ञान का आनंद लें तथा टेक्सट बुक्स जरूर पढ़ें। विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में रोजगार के भी बहुत अवसर हैं। विद्यार्थी इनका लाभ अवश्य उठाएं।
अतिरिक्त उपायुक्त सी. जयाश्रद्धा ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय ने चैट जीपीटी आदि के माध्यम से ज्ञान को प्राप्त करना तो आसान बना दिया है लेकिन ज्ञान को प्राप्त करने के साथ-साथ ज्ञान का विश्लेषण करना तथा उसका प्रयोग करना भी बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान केवल विषय नहीं है, बल्कि ये एक विचार की राह है। विज्ञान हमें हमारे आसपास हो रही घटनाओं और वस्तुओं के संबंध में अन्वेषण करना सिखाता है। उन्होंने कहा कि यह उत्सव इस दिशा में एक शानदार मंच है।
एसपीएसटीआई के सचिव प्रो. केया धर्मवीर ने अपने संबोधन में एसपीएसटीआई के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा बताया कि यह संस्था विज्ञान तथा तकनीक को बढ़ावा देने तथा उसके प्रति जागृति पैदा करने के लिए कार्य कर रही है।
साइंस उत्सव के नोडल ऑफिसर डीन एफपीएसटी प्रो. सुजाता सांघी ने स्वागत सम्बोधन दिया तथा बताया कि मंगलवार को उत्सव में यूजी व पीजी विद्यार्थियों के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता, टेलीस्कॉप मेकिंग कार्यशाला, साइंस मेजिक शो तथा स्काईवाच जैसे रूचिकर एवं ज्ञानवर्धक कार्यक्रम हुए। पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता में 75 विद्यार्थियों तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में 32 टीमों ने भाग लिया। उत्सव में विज्ञान एवं तकनीक से संबंधित विभिन्न मॉडल्स की प्रदर्शनी भी लगी हुई है। डीन एफईएसटी प्रो. आशा गुप्ता भी कार्यक्रम में मौजूद रही।
न्यूज़ एजेंसी/ राजेश्वर
Discover more from सत्यबोध इंडिया न्यूज़
Subscribe to get the latest posts sent to your email.