सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में विद्यार्थियों के साथ आमजन भी करेंगे शिरकत

फाइल

जयपुर, 31 जनवरी (न्यूज़ एजेंसी)। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा विभाग विद्यार्थियों में शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए भी निरंतर कार्य कर रहा है। सूर्य सप्तमी पर तीन फरवरी को सूर्य नमस्कार का आयोजन इसी दिशा में एक पहल है। पिछले साल भी राज्य में सूर्य नमस्कार का आयोजन हुआ था, जिसने विश्व रिकॉर्ड बनाया था। इस आयोजन में 1.33 करोड़ विद्यार्थियों ने भाग लिया था।

पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को देखते हुए इस बार के आयोजन में अधिक उत्साह देखने को मिलेगा। राज्य के सभी राजकीय एवं निजी विद्यालयों में प्रात: 10:15 बजे एक साथ सूर्य नमस्कार होगा। 20 मिनट के इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के नेतृत्व में इतिहास रचने की तैयारी की जा रही है।

राजस्थान की नजर इस बार पुराने रिकॉर्ड को ब्रेक करते हुए नया विश्व रिकॉर्ड कायम करने पर है।

पिछली बार आयोजन में 78 हजार 974 विद्यालयों के 1.33 करोड़ विद्यार्थियों ने भाग लिया था। इस बार सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षक-शिक्षिकाएं, स्कूल स्टाफ, एसएमसी, एसडीएमसी के सदस्यों के साथ अभिभावक एवं आमजन भी इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनेंगे।

शिक्षा मंत्री के निर्देशानुसार इस बार छोटे बच्चों यथा कक्षा एक से पांच के बच्चों को भी सूर्य नमस्कार का भागीदार बनाया जाएगा। छोटे बच्चों को यथा शक्ति सूर्य नमस्कार के दो से तीन चरण ही कराएं जाएंगे। अन्य सभी को इसके 10 चरण संपन्न किए जाएंगे। प्रदेश के सभी विद्यालयों में इसके लिए एक सप्ताह पहले से ही सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया जा रहा है। बीमार या ऐसे विद्यार्थी या शिक्षक या अभिभावक, जो हाल में किसी शल्य प्रक्रिया से गुजरे हों, वे इसका हिस्सा नहीं होंगे।

क्रीडा भारती संस्था सूर्य नमस्कार में सभी विद्यालयों एवं शिक्षक संस्थाओं का सहयोग करेगी। संस्था से जुड़े एक्सपर्ट विद्यालयों में व्यक्तिगत तौर पर सूर्य नमस्कार का वैज्ञानिक महत्व बताएंगे। साथ ही नमस्कारासन, हस्तोत्तानासन सहित योग की सभी क्रियाओं को लाइव कर समझाएंगे, ताकि प्रतिदिन विद्यालयों में प्रार्थना सभा के वक्त इसका अभ्यास कराया जा सके।

सूर्य सप्तमी 4 फरवरी को है लेकिन प्रदेश के विद्यालयों में देवनारायण जयंती का अवकाश होने के कारण सूर्य नमस्कार 3 फरवरी को होगा। शिक्षा मंत्री इस आयोजन में भाग लेंगे। उनका कहना है कि सूर्य नमस्कार एक आयोजन नहीं, बल्कि दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों की जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन लाना और उनके स्वास्थ्य से जुड़ा होना चाहिए। इस बार हम सूर्य नमस्कार में पिछले वर्ष बनाए गए विश्व रिकॉर्ड से बेहतर प्रदर्शन करेंगे।

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न्यूज़ एजेंसी/ रोहित


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