श्रीमद् भगवद गीता एक अनूठा आध्यात्मिक मार्गदर्शी ग्रंथ- राज्य मंत्री गौतम टेटवाल

छात्राओं का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम देते
मां नर्मदा के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करमे अतिथि
उपस्थित लाेग

गीता पाठ, साधु संतों का सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी हुई प्रस्तुति

अनूपपुर, 11 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी)। श्रीमद् भगवद गीता एक अनूठा आध्यात्मिक मार्गदर्शी ग्रंथ है। भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य वचनों में सम्पूर्ण जीवन की व्याख्या है। संसार की समस्याओं और मनुष्य की व्यथाओं का समाधान है। “गीता” की महिमा का शाब्दिक वर्णन करना कठिन काम है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पदभार ग्रहण करते ही मकर संक्रांति, गोवर्धन पूजा, विजयदशमी, धनतेरस रक्षाबंधन इत्यादि त्योहार पूरे हर्षोल्लाह एवं उमंग के साथ मनाए जाने का निर्णय लिया। ऐसे मुख्यमंत्री का हृदय से मैं अभिनंदन करता हूं। मुख्यमंत्री एवं सरकार ने गीता जयंती मनाने का भी निर्णय लिया है, जो हमारे भारतीय संस्कृति के मान और सम्मान को प्रदर्शित करती है। यह बात बुधवार को अनूपपुर जिले के अमरकंटक में गीता जयंती के अवसर पर आयोजित गीता महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने कही।

मंत्री टेटवाल ने गीता जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गीता स्वस्वर पढ़ें मंत्र से मन के विकार खत्म होते है, उन्होंने सभी से रोज श्रीमद्भागवत गीता पढ़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि आज सभी ओर सनातन संस्कृति की ध्वजा लहरा रही है, और श्रीमद्भगवद् गीता की शिक्षाओं से सम्पूर्ण धरा लाभान्वित भी हो रही है। भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा के महत्व को स्थापित किया। उन्होंने कहा कि हमारा देश संत, आचार्य एवं गुरुओं का देश है। देश की संस्कृति को संवारने का हमारी सरकार काम कर रही है। श्रीमद्भगवद्गीता के प्रकाश से विश्व प्रकाशमान हो रहा है।

प्रदेश शासन के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश में सांस्कृतिक पुनरुद्धार और आध्यात्मिक नवजागरण के लिए अनूठे प्रयासों की श्रृंखला शुरू की है। जो भगवान श्रीकृष्ण का जीवन चरित्र गीता में समाहित है और गीता सदैव हमारी प्रेरणा रही है, यही कारण है कि आज दुनिया की लाखों सभ्यताएं नष्ट भ्रष्ट हो गई परंतु हमारी हस्ती आज भी कायम है। हमने हमेशा आध्यात्म को सर माथे रखा। हमारे लिए अच्छी संस्कृति, जीवन मूल्य और परंपराएं सर्वोपरि हैं। गीता जयंती की शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए कहा कि हम सभी मनुष्यों के लिए गीता का ज्ञान बहुत ही आवश्यक है, 18 अध्याय तथा लगभग 700 श्लोक हैं, जो जीवन मे सकारात्मक परिवर्तन लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने गीता जयंती मनाने का निर्णय धर्म की स्थापना तथा महाभारत में गीता के उपदेश जीवन में चरितार्थ करने हेतु मनाया जा रहा है।

कार्यक्रम को श्री धारकुंडी आश्रम के स्वामी लवलीन महाराज जी कहा कि गीता जयंती सद्कर्म, स्व-धर्म और सच्चे कर्तव्य पथ की प्रेरणा है। आज गीता जयंती का अवसर अद्भुत और अलौकिक ऊर्जा से परिपूर्ण है। मध्यप्रदेश में पहली बार ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। आप सभी को गीता जयंती की मंगलकामनाएं। उन्होंने कहा कि सभी को कर्तव्य पथ पर चलते रहना चाहिए। ‌श्रीमद्भागवत गीता 5 हजार से अधिक वर्ष पूर्व श्री कृष्ण के मुखारबिंदु से प्राप्त हुए थे, जो आज भी लोगों का सत्कर्म का मार्ग दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे कर्म हमारे हाथ है, भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के समय धनुर्धर अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था तथा धर्म युद्ध लड़ने हेतु प्रेरित किया था। गीता हमें धर्म के मार्ग पर चलना तथा धर्म की रक्षा सदैव करने की सीख देता है।

पूज्य महंत तथा संत, महात्मा का साल एवं श्रीफल से किया गया सम्मानित

कार्यक्रम का शुभारंभ जनप्रतिनिधियों अधिकारियों तथा साधु संतों द्वारा मां नर्मदा के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित, माल्यार्पण तथा कन्या पूजन कर किया गया। इस दौरान अमरकंटक के विभिन्न आश्रमों से पधारे पूज्य महंत तथा संत महात्माओं का साल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।

मृत्युंजय आश्रम के बटुकों ने श्रीमद् गीता के 11 वें अध्याय का किया सस्वर वाचन

कार्यक्रम के दौरान मृत्युंजय आश्रम के बटुकों द्वारा श्रीमद् भगवत गीता के 11वें अध्याय का वाचन किया गया तथा गीता के वैश्विक प्रभाव एवं सार के संबंध में सभी को अवगत कराया गया। भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य वचनों में सम्पूर्ण जीवन की व्याख्या, संसार की समस्याओं और मनुष्य की व्यथाओं का समाधान है। “गीता” की महिमा का शाब्दिक वर्णन किया गया।‌

कार्यक्रम रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की दी गई प्रस्तुति

गीता जयंती महोत्सव में सरस्वती शिशु मंदिर अमरकंटक के पांच छात्रों द्वारा अच्युतम केशवम, कल्याणीका केंद्रीय शिक्षा निकेतन अमरकंटक के द्वारा यदा यदा ही धर्मस्य के तहत एकल नृत्य, पीएम श्री शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरकंटक के नौ विद्यार्थियों द्वारा गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो एरोबिक योगा, जवाहर नवोदय विद्यालय अमरकंटक के पांच विद्यार्थियों द्वारा कान्हा सो जा जरा, कल्याणिका केंद्रीय शिक्षा निकेतन अमरकंटक के 8 प्रतिभागियों द्वारा देवी गीत तथा नवीन माध्यमिक शाला अमरकंटक के पांच छात्राओं द्वारा मधुबन में कन्हैया गीत के तहत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।

न्यूज़ एजेंसी/ राजेश शुक्ला


Discover more from सत्यबोध इंडिया न्यूज़

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

error: Content is protected !!
Briefly unavailable for scheduled maintenance. 7750 east nicholesds street waxhaw, st. Solution prime ltd.