रेवाड़ी में नए बस अड्डे के निर्माण काे सरकार ने मंजूर किए 65 करोड़:अभिषेक मीणा

रेवाड़ी में प्रैस वार्ता के दौरान उपायुक्त अभिषेक मीणा व पुलिस अधीक्षक डॉ मयंक गुप्ता।

-इलेक्ट्रिक बस के लिए भी तीन एकड़ भूमि चिन्हित, 30 नई बसे भी मिलेगी

-उपायुक्त ने प्रेस वार्ता में रखा विकास कार्य व योजनाओं का लेखा जोखा

पुलिस अधीक्षक ने कानून व्यवस्था को लेकर दी जानकारी

रेवाड़ी, 31 जनवरी (न्यूज़ एजेंसी)। रेवाड़ी में नए बस अड्डे के निर्माण के लिए सरकार ने 65 करोड रुपए की राशि मंजूर कर बजट अलॉट कर दिया है। 17 एकड़ से अधिक भूमि पर बनने वाले रेवाड़ी बस अड्डे के परिसर में इलेक्ट्रिक बस के लिए भी तीन एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। यह जानकारी उपायुक्त अभिषेक मीणा ने शुक्रवार को लघु सचिवालय सभागार में एक पत्रकार वार्ता में दी। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक डॉ मयंक गुप्ता भी मौजूद रहे।

उन्होंने बताया कि पांच इलेक्ट्रिक बस रेवाड़ी में संचालित हो रही है। 30 और इलेक्ट्रिक बसें भी जल्द ही रेवाड़ी के लोगों को सेवाएं देंगी। इलेक्ट्रिक बसों के अतिरिक्त रोडवेज के बेड़े में 30 नई बसों को भी शामिल किया जाएगा। बस अड्डे का निर्माण कार्य टेंडर प्रक्रिया के बाद जल्द ही आरंभ हो जाएगा।

उन्होंने बताया की इसके अलावा एचएसआरडीसी द्वारा रेवाड़ी से दादरी वाया बेरली कलां रोड का 4418.19 लाख रुपए की लागत से सुधार किया जाएगा। इसका 33.75 किलोमीटर हिस्सा रेवाड़ी में है और इसका टैंडर कर दिया गया है। निर्माण सदन रेवाड़ी के भवन निर्माण आरंभ हो गया है। बावल विधानसभा क्षेत्र में 18 सड़कों के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के कार्य का वर्क अलाट किया जा चुका है।

राजकीय कन्या महाविद्यालय बावल का 99 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो गया है। जल्द ही इसका लोकार्पण किया जाएगा। इसी प्रकार से रेवाड़ी में निर्माणाधीन देश के 22वें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जल्द से जल्द ओपीडी आरंभ करने की योजना है। आयुष की ओपीडी इसी वर्ष शुरू कर दी जाएगी। सड़क मार्ग के बीच से गुजर रही रेलवे लाईन पर ओवर ब्रिज या अंडर ब्रिज बनवाने सहित सभी विकल्पों पर काम किया जा रहा है। एम्स में आईपीडी, ओपीडी तथा इमरजेंसी सेवाएं आरंभ करना सरकार की प्राथमिकता है।

प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक डॉ मयंक गुप्ता ने बताया कि जिला पुलिस ने ई समन, ई-चालान तथा ई प्रॉसीक्यूशन को प्रभावी ढंग से लागू किया है। गंभीर मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाहियां करवाई जा रही है। साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए और आरोपियों की धर पकड़ के लिए लगभग तीन गुना स्टाफ बढ़ाया गया है। एक महीने में ही 35 साइबर अपराधी पकड़े गए हैं। चोरों के गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल हुई है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी हुई है। कई मोस्ट वांटेड अपराधियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ड्रोन सर्वे करवाकर ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। इनमें से दो ब्लैक स्पॉट को रिमूव कर दिया गया है और अन्य पांच पर कार्यवाही की जा रही है। एक्सपर्ट एजेंसी की सहायता से जिले में दोबारा से सर्वे करवाकर यातायात व्यवस्था को और सुरक्षित बनाया जाएगा।

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न्यूज़ एजेंसी/ श्याम सुंदर शुक्ला


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