जन-जन का संकल्प बने विकसित भारत : स्वान्त रंजन

राष्ट्रधर्म पत्रिका का विमोचन करते मंचस्थ अतिथि
राष्ट्रधर्म पत्रिका के विमोचन में उपस्थित जन

– स्वान्त रंजन ने किया राष्ट्रधर्म के विकसित भारत विशेषांक का विमोचन, कहा- नवाचार का हब बनता जा रहा भारत

लखनऊ, 23 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वान्त रंजन ने सोमवार को कहा कि विकसित भारत जन-जन का संकल्प बने। भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए समाज के सभी लोग मिलकर प्रयास करें। देश के विकास के लिए मानसिकता बने, इसके लिए समाज का मानस बनाना आवश्यक है। वह भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के कला मंडपम् सभागार में राष्ट्रधर्म पत्रिका के विकसित भारत विशेषांक के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

स्वान्त रंजन ने कहा कि पिछले नौ-दस वर्षों में तेज गति से प्रगति हुई है। भारत नवाचार का हब बनता जा रहा है। कृषि, शिक्षा व दवा निर्माण का हब भारत है। टेक्नोलोजी,अं​तरिक्ष विज्ञान, सुरक्षा व विकास की ओर हम क्रमश:बढ़ रहे हैं। आज विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था भारत है। कृषि के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर हुआ है। नीति आयोग के अनुसार 2013-14 और 2022-23 के बीच में 25 करोड़ लोग भारत में गरीबी रेखा से ऊपर आये हैं। उन्होंने कहा कि विकास की कोई सीमा नहीं होती है लेकिन इस दृष्टि से देखें तो देश की प्रगति हो रही है। हम नित्य प्रार्थना में परंवैभवम नेतुमेतत स्वराष्ट्रम बोलते हैं। आज देश का सभी दिशाओं में विकास हो रहा है। सर्वांगीण उन्नति हो रही है।

उपनिवेशवादी ताकतों ने समाज को दिग्भ्रमित किया पंच परिवर्तन की चर्चा करते हुए स्वान्त रंजन ने कहा कि भारत में सामाजिक तथा जातिगत भेदभाव नहीं था। समरस समाज कैसे हो इसके लिए प्रयत्न करना होगा। सभी हिन्दू एक हैं। ऊंच नीच छुआछूत का भाव समाप्त करना है। मंत्रदृ​ष्टा ऋषि सभी जातियों के थे। सत्यकाम जाबाल,महर्षि वाल्मीकि,वेदव्यास जैसे कई ऋषियों की ग्रन्थों में उनकी ऋचाएं हैं। सूर्या सावित्री,मैत्रेयी,गार्गी व अपाला के भी मंत्र हैं।

अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख ने कहा कि हजार साल का आक्रमण के बाद उपनिवेशवादी ताकतों ने समाज को दिग्भ्रमित किया। इससे समाज आत्म विस्मृत और आत्मकेन्द्रित हो गया। उसके कारण समाज असंगठित भी हो गया। आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 वर्षों की तपस्या के कारण भारत आत्म जागरण की ओर बढ़ रहा है। राम मंदिर आन्दोलन के माध्यम से समाज जागरण का प्रयत्न हुआ। आज राम मंदिर बन रहा है। राम मंदिर आन्दोलन की परिणति केवल राम मंदिर बनाने तक ही नहीं थीं। जो-जो विषय समाज ने सोचा था वह चाहे अनुच्छेद 370 हटाने ​का विषय हो या समान नागरिक संहिता सबके लिए प्रयत्न हो रहा है।

भारत में नालंदा, विक्रमशिला, राखीगढ़ी, लोथल के पुराने खण्डहर बताते हैं कि हजारों साल पहले हमारे यहां कितनी व्यवस्थित नगर की रचना थी। गांधीवादी धर्मपाल ने अपनी पुस्तक में तथ्यों के आधार पर लिखा है कि 18 वीं शताब्दी तक भारत पूर्ण शिक्षित देश था। धातु विज्ञान,चिकित्सा विज्ञान भी उन्नत था। विश्व की अर्थव्यवस्था में 18 वीं शताब्दी तक भारत का योगदान 24 प्रतिशत था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि विकसित भारत ज्ञान का भारत, ध्‍यान भारत, सुरक्षित भारत और स्वच्छ भारत होगा। राष्‍ट्रधर्म का यह अंक इस दिशा में मार्गदर्शन करेगा। आज भारत की प्रतिष्ठा सर्वव्यापी है। हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हम सभी देशवासियों को लैंगिक एवं जातीय भेदभाव के विरूद्ध कार्य करते हुए इसे समाप्त करना होगा। हम सबको ऐसा प्रयास करना चाहिए जिससे सभी को गुणवत्तापरक ज्ञान प्राप्त हो सके। ऐसा करके ही एक भारत, श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार करना होगा।

राष्ट्रधर्म पत्रिका के सम्‍पादक प्रो. ओमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि राष्‍ट्रधर्म का दायित्व है कि वह समाज का जो घटनाक्रम है, उसे सबके समक्ष प्रस्‍तुत करें। राष्‍ट्र के प्रति इस धर्म का पालन सतत प्रकार से निभाया जा रहा है। यह विशेषांक अपने उसी दायित्‍व को पूरा कर रहा है।

इसके अतिरिक्त राष्ट्रधर्म प्रकाशन लिमिटेड के प्रबंधक डॉ. पवनपुत्र बादल ने कहा कि राष्‍ट्रधर्म प्रकाशन भारत के मान, स्वाभिमान के विषयों पर जो देश हित के विमर्श हैं, उस पर कार्य करता आया है। वर्ष 1947 से लेकर अब तक राष्ट्र प्रेम में अपना कर्तव्य निभाता आ रहा है।

राष्ट्रधर्म प्रकाशन के प्रभारी निदेशक सर्वेशचन्द्र द्विवेदी ने संपादक मण्डल के सदस्यों को सम्मानित किया। राष्ट्रधर्म के संपादक ओम प्रकाश पाण्डेय ने विशेषांक के बारे में अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन सामाजिक समरसता गतिविधि के प्रान्त संयोजक ओम प्रकाश सिंह ने किया।

इस अवसर पर इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री संजय श्रीहर्ष, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख राजेन्द्र, क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष, सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख मनोजकांत, संयुक्त क्षेत्र परिवार प्रबोधन प्रमुख ओमपाल सिंह, क्षेत्र धर्म जागरण प्रमुख अभय, क्षेत्र के कुटुम्ब प्रबोधन प्रमुख अशोक उपाध्याय, वरिष्ठ प्रचारक रामजी भाई,प्रान्त प्रचारक प्रमुख यशोदानन्द,राष्ट्रधर्म के प्रबंधक डा. पवनपुत्र बादल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही, प्रान्त प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दुबे, स्वामी मुरारी दास व विश्‍व हिन्‍दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री विजय प्रताप प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन


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