सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने, नहीं चली राज्यसभा 

उच्च सदन की बैठक में बोलते हुए किरेन रिजीजू

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी)। राज्यसभा में बुधवार को सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के बीच एक बार फिर आज तकरार हुई और कार्यवाही हंगामे के भेट चढ़ गई ।

सदन में सुबह ग्यारह बजे कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोक-झोंक शुरू हो गयी, जिसके कारण पहले सदन की कार्यवाही 12 बजे और बाद में दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

उच्च सदन में बुधवार को सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने सूचीबद्ध दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत विभिन्न विषयों पर चर्चा के लिए पांच नोटिस मिले हैं। सभापति ने नोटिस देने वाले सदस्यों में से एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जॉन ब्रिटास का नाम लिया। उसी दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।

कार्यवाही के दौरान संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष की ओर से सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की आलोचना की। उन्होंने जॉर्ज सोरोस के साथ कांग्रेस के संबंधों पर सवाल उठाया। उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट किया कि सोनिया गांधी के साथ जॉर्ज सोरोस का नाम सत्ता पक्ष की ओर से नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया की ओर से जोड़ा गया है। उन्होंने कठोर शब्दों में कहा कि विपक्ष को शर्म आनी चाहिए कि वे ऐसे व्यक्ति से जुड़े हैं, जो देश के खिलाफ काम करता है। विपक्षी भारत विरोधी ताकतों के साथ काम करते हैं और फिर सभापति के खिलाफ नोटिस देते हैं।

सभापति का समर्थन करते हुए रिजिजू ने हंगामे के बीच कहा कि 72 साल में एक किसान का बेटा उपराष्ट्रपति बना है। उन्होंने संसद और संविधान की गरिमा को बनाए रखा है। विपक्ष उपराष्ट्रपति पर बेबुनियाद आरोप लगा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी सदस्य सभापति के पद का सम्मान नहीं कर सकते तो वे सदन के लायक नहीं हैं। रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए और देश को बताना चाहिए सोरोस और उनके बीच क्या संबंध है? कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की है।

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि विपक्ष संविधान के प्रति निष्ठा रखता है जबकि सत्ता पक्ष के लोग बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान को बदलना चाहते हैं। उन्होंने सरकार पर लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा, ये लोग संविधान के हत्यारे हैं।”

इस बीच सदन में हंगामा होने लगा, जिसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

राज्यसभा की बैठक शुरू होने के तुरंत बाद सदन के नेता जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर देश को अस्थिर करने की कोशिश में अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस का साथ देने का आरोप लगाया और चर्चा की मांग की।

उन्होंने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के लिए भी कांग्रेस की निंदा की।

उन्होंने कहा कि यह विपक्षी दल द्वारा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और सोरोस के बीच संबंधों के मुद्दे से ध्यान हटाने का प्रयास है।

नड्डा ने कहा कि पिछले दो दिनों से हमारे लोग यह मुद्दा उठा रहे हैं कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का जॉर्ज सोरोस के साथ क्या संबंध है। सोरोस और सोनिया गांधी के बीच क्या संबंध है?

उन्होंने कहा कि यह देश की संप्रभुता और आंतरिक और बाह्य सुरक्षा से संबंधित है।

सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे को उठाते हुए नड्डा ने कहा कि वे अध्यक्ष के खिलाफ आरोप लगाकर वास्तविक मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद फिर सदन में हंगामा होने लगा। हंगामा होते देख उपसभापति ने सदन की कार्यवाही को गुरुवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी


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