कुछ ताकतें देश को खंडित करने और संस्थाओं को अपमानित करने का रच रहीं साजिश : उप राष्ट्रपति धनखड़

लघु उद्योग भारती के सोहन सिंह स्मृति कौशल विकास केंद्र के लोकार्पण समारोह में उपराष्ट्रपति धनखड़
लघु उद्योग भारती के सोहन सिंह स्मृति कौशल विकास केंद्र के लोकार्पण समारोह में उपराष्ट्रपति धनखड़

जयपुर, 11 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी)। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कुछ ऐसी ताकतें हैं जो भारत की प्रगति को पचा नहीं पा रही हैं। देश को खंडित करने और देश की संस्थाओं को अपमानित करने का सुनियोजित षड्यंत्र हो रहा है। आम नागरिक की इसमें बड़ी भूमिका है। हमें ऐसी चीजों को न्यूट्रलाइज करना चाहिए। उन्होंने युवा वर्ग से आह्वान किया कि वे विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। साथ ही अधिकारों और कर्तव्यों का भी बोध रखें।

उप राष्ट्रपति जयपुर में लघु उद्योग भारती के सोहन सिंह स्मृति कौशल विकास केंद्र के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कौशल विकास केंद्र में पौधरोपण भी किया। उन्होंने कहा कि देश को विकसित भारत बनाने की दिशा में तेजी से प्रगति हो रही है। ग्रामीण विकास, लघु उद्योग, शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से एक मजबूत आर्थिक और सामाजिक ढांचा तैयार किया जा रहा है। साथ ही कहा कि विकसित भारत 2047 अब केवल सपना नहीं, बल्कि एक सुनिश्चित लक्ष्य है। इसका मार्ग ग्रामीण परिप्रेक्ष्य, कुटीर और लघु उद्योग से होकर जाता है। चाहे जल हो, थल हो, आकाश हो या अंतरिक्ष, भारत हर क्षेत्र में बड़ी छलांग लगा रहा है।

धनखड़ ने कहा कि आज आर्थिक राष्ट्रवाद की आवश्यकता है। देश में स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि आयातित वस्तुओं की निर्भरता कम करनी होगी। जब हम उन वस्तुओं का आयात करते हैं, जिन्हें देश में ही बनाया जा सकता है, तो इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ता है और रोजगार के अवसर कम हो जाते हैं। लोकल फॉर वोकल हमारी आवश्यकता है। कच्चे माल के निर्यात पर भी रोक लगानी चाहि। क्योंकि, यह देश के हितों के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के माध्यम से आठ करोड़ लोगों को आज रोजगार मिल रहा है। बड़े-बड़े उद्योग कम लोगों रोजगार देते हैं जबकि छोटे उद्योग ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रशंसा करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि इसमें कौशल विकास को भी महत्व दिया गया है। डिग्री से अधिक कौशल महत्वपूर्ण है। किसी भी काम में कौशल हासिल करना विकास में योगदान देता है। जलवायु परिवर्तन को एक बड़ी चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि यह एक भयानक समस्या बन गई है। संविधान हमें पर्यावरण संरक्षण और समरसता बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। हमें आने वाली पीढ़ी के लिए नैतिकता और चरित्र निर्माण पर ध्यान देना होगा।

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाहक डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि हमारे देश में अमेरिका और जर्मनी का मॉडल नहीं चलेगा। क्योंकि, वह देश कृषि पर आधारित नहीं है। हमारे देश में 60 से 65 प्रतिशत लोग कृषि पर आधारित है। हमारे युवा 12 से 15 हजार की नौकरियों के लिए देशभर में जा रहे है। विकास का यह मॉडल हमारे देश के लिए सही नहीं है। उनके गांव के पास उन्हें रोजगार मिलना चाहिए ताकि वह परिवार के पास अच्छे से जीवन यापन कर सके।

गोपाल ने कहा कि ईसा पूर्व से ही कपड़ों से लेकर हीरे-जवाहरात भारत से पूरी दुनिया में जाता है। हमारा देश सिर्फ कृषि प्रधान नहीं बल्कि, छोटे-छोटे उद्योगों वाला देश था। अग्रेजों के आने के बाद भारत सिर्फ कृषि तक सीमित रह गया। भारत गरीब देश नहीं था। अग्रेजों में भारत को गलत दिशा में मोड़ दिया था। अब हम फिर से अलग दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से लघु उद्योग भारती ने सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में सवा लाख स्क्वायर फीट में फैले बहुमंजिला कौशल विकास केंद्र का निर्माण किया है। यह केंद्र युवाओं को अकाउंट्स, फैशन डिजाइनिंग, हैंडीक्राफ्ट, इलेक्ट्रिशियन, डिजिटल स्किल्स और स्टार्टअप विकसित करने की प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करेगा। लोकार्पण समारोह से पहले मंगलवार को पूजा-अर्चना कर हवन किया गया।

इस अवसर पर लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री प्रकाश चंद्र, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ताराचंद गोयल, प्रदेश अध्यक्ष शांतिलाल बालड़, जोधपुर प्रांत संयुक्त और महासचिव सुरेश विश्नोई समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर


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