मोदी के नेतृत्व में देश सांस्कृतिक पुनर्जागरण और पर्यटन के नए दौर में ः एसपी सिंह बघेल

प्रेस कान्फ्रेंस को सम्बोधित करते प्रो. एसपी सिंह बघेल

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी)। केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने आज यहां कहा कि पिछले एक दशक में केंद्र सरकार के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालयों ने देश में बेहतरीन पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की। इन दोनों क्षेत्रों से जुड़े हितधारकों को सुविधाएं मिलने के साथ ही ढांचागत विकास पर भी पूरा जोर है। जो स्थानीय रोजगार की दृष्टि से भी काफी कारगर सिद्ध हुआ है।

प्रो. बघेल आज यहां कृषि भवन में “सांस्कृतिक पुनर्जागरण और पर्यटन” विषय पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल को जिन कुछ आधार बिंदुओं पर रेखांकित किया जा सकता है, उनमें सबका साथ, सबका विकास और विकास भी विरासत भी सबसे ऊपर है। वर्ष 2014 के बाद देश में चिंतन और विचार का कंपास पूरी तरह घूम गया है। भविष्य की तरफ गतिशीलता और विश्वास से देखने के साथ ही अतीत को भी देखने परखने का हमारा नजरिया बदला है। आज हम सांस्कृतिक गौरव के उस दौर में हैं जब अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण पूरा चुका है। वहां पर विश्व स्तर के अत्याधुनिक एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया है। काशी में विश्वनाथ धाम, भारत की सांस्कृतिक राजधानी का गौरव बढ़ा रहा है। सोमनाथ में विकास के कार्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उत्तराखंड में बाबा केदार के आशीर्वाद से केदारनाथ-बद्रीनाथ तीर्थ क्षेत्र में विकास के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं। इसी कड़ी में अति भव्य महाकाल लोक भी अतीत के गौरव के साथ भविष्य के स्वागत के लिए तैयार हो चुका है। देश के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों, ज्योतिर्लिंगों और शक्तिपीठों पर पर्यटकों और श्रद्धालुओं की पहुंच के लिए विशेष कॉरीडोर की जरूरत है। सरकार इस दिशा में काम कर रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देवघर में एयरपोर्ट मोदी सरकार की ही देन है।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन कर रही है। केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय देश की समृद्ध, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक सांस्कृतिक गांव (कलाग्राम) स्थापित कर रहा है। प्रयागराज के नागवासुकी में इस उद्देश्य के लिए संस्कृति मंत्रालय को 10.24 एकड़ क्षेत्र भूमि आवंंटित की गई है। मेला प्राधिकरण द्वारा 10,000 दर्शकों की क्षमता वाला एक गंगा पंडाल स्थापित किया जाएगा, जहां मशहूर हस्तियां प्रस्तुति देंगी। झूमी, नागवासुकी और परिपल में 4000 दर्शकों की क्षमता वाले तीन स्टेज पंडालों के साथ-साथ कलाग्राम में 1000 क्षमता वाले एम्पीथिएटर में उभरते एसएनए पुरस्कार विजेता कलाकार, एनएसडी प्रोडक्शंस और जेडसीसी के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। पूरे शहर में 20 स्टेज बनाए जाएंगे, जिन्हें उप्र संस्कृति विभाग और संस्कृति मंत्रालय के बीच समान रूप से वितरित किया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में पर्यटन क्षेत्र 2047 तक विकसित भारत में योगदान देने की राह पर है। समभग 1,50,000 किलोमीटर सड़क नेटवर्क बिछाया गया है। 500 नए हवाई मार्ग और 150 नए एयरपोर्ट से हवाई सेवा में वृद्धि हुई है। हाईस्पीड भारत ट्रेनें शुरू की गई हैं। लगभग 100 पर्यटन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा किया गया है। भारत की जी-20 अध्यक्षता ने वैश्विक स्तर पर 60 से अधिक गंतव्यों को दृश्यता प्रदान की है। सरकार के इस तरह के सम्पूर्ण प्रयासों के कारण देश में पर्यटन नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालय के रूप में परिकल्पित युग युगीन भारत संग्रहालय 1, 50,000 वर्ग मीटर में फैला होगा, जो नई दिल्ली के रायसीना हिल पर नॉर्थ और साउथ ब्लॉक सचिवालय भवनों में विकसित किया जा रहा है। सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास परियोजना के तहते संग्रहालय परियोजना के पहले चरण के लिए फ्रांस के साथ साझेदारी की है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने स्वदेश दर्शन और प्रसाद जैसी प्रमुख योजनाओं के माध्यम से 6,800 करोड़ रुपये से अधिक की कुल तागत से लगभग 120 परियोजनाओं को पूरा करके समग्र गंतव्य विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। देश में कम ज्ञात पर्यटन स्थलों को सामने लाने के लिए, राज्यों की पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता के अंतर्गत 3,295.76 करोड़ रुपये की कुल लागत से पर्यटन बुनियादी ढांचे और पर्यटक अनुभव को बढ़ाने के लिए 23 राज्यों में 40 उच्च प्रभाव परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। परियोजनाओं के रूप में पूंजी निवेश को बढ़ावा देकर, यह योजना स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास और स्थायी पर्यटन परियोजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसरों के सृजन की परिकल्पना करती है। प्रधानमंत्री के आह्वान के आधार पर भारतीय प्रवासी सदस्यों को अतुल्य भारत के राजदूत बनने में सक्षम बनाने के लिए चलो इंडिया ग्लोबल डायस्पोरा अभियान शुरू किया गया था। यह अभियान अतुल्य और विकसित भारत के लिए जनभागीदारी की भावना से लागू किया गया है ताकि भारतीय प्रवासियों को हर साल अपने 5 गैर-भारतीय दोस्तों को भारत की यात्रा के लिए आमंत्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि के लिए ‘चलो इंडिया’ अभियान के तहत भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए 1 लाख मुफ्त ई-वीजा की घोषणा की गई है।

प्रो. बघेल ने बताया कि भारत में पर्यटन क्षेत्र ने 2022-2023 में 76.17 मिलियन (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) नौकरियां सृजित कीं जबकि 2013-2014 में यह संख्या 69.56 मिलियन थी। वर्ष 2023 में पर्यटन से विदेशी मुद्रा आय 28.07 बिलियन अमेरिकी डॉलर हुई जबकि 2014 में यह 19.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी, जो 42.53% की वृद्धि दर्ज करती है। वर्ष 2023 के दौरान भारत में विदेशी पर्यटकों की आमद बढ़कर 95 लाख हो गई, जो 23.96% की वृद्धि दर्ज करती है। भारत में 2023 में 250 करोड़ घरेलू पर्यटक आये, जो 2014 के 123 करोड़ से 95.64% अधिक हैं। वैश्विक यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक में भारत की रैंकिंग 2014 में 65वीं थी, जो 2024 में 39वीं हो गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव


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