हिसार : बीड़ बबरान धाम के बसंत पंचमी महोत्सव में उमड़ा जनसैलाब, बसंती महाश्रृंगार आरती में लिया हिस्सा

बीड़ बबरान धाम में आयोजित बसंत पंचमी उत्सव में उपस्थित पुजारी व श्रद्धालु।

बीड़ बबरान धाम के बसंत पंचमी महोत्सव में श्रद्धालुओं

की आस्था देखने लायक रही : विनय शर्मा

हिसार, 2 फरवरी (न्यूज़ एजेंसी)। महाभारतकालीन प्रसिद्ध

बीड़ बबरान धाम में बसंत पंचमी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर पूरे धाम को

सजाया गया और श्याम बाबा के दरबार को भव्य स्वरूप दिया गया। पीतांबरी वस्त्रों व पीले

फूलों से श्याम बाबा का बसंती श्रृंगार किया गया। बसंत पंचमी महोत्सव में हरियाणा के

अलावा अन्य कई राज्यों से श्रद्धालुओं ने बीड़ बबरान धाम पहुंचकर श्याम बाबा के दरबार

में हाजिरी लगाकर मन्नत मांगी।

महोत्सव में राज्य सूचना आयुक्त डॉ. जगबीर सिंह

व लुवास के पूर्व कुलपति डॉ. विनोद वर्मा सहित कई प्रसिद्ध हस्तियों ने हिस्सा लिया।

इस दौरान पूरा धाम श्याम बाबा की जय व हारे का सहारा-श्याम बाबा हमारा उदघोष से गूंजता रहा। बसंत पंचमी महोत्सव की शुरुआत

रविवार प्रात: श्याम बाबा के महाभिषेक से की गई। इसके उपरांत जनकल्याण के निमित हवन

का आयोजन किया गया। महोत्सव के दौरान बसंती महाश्रृंगार आरती में जनसैलाब उमड़ पड़ा।

इसके साथ ही बसंती वस्त्र प्रसाद का वितरण भी किया गया। बसंती वस्त्र प्रसाद प्राप्त

करने के लिए भक्तों में होड़ लग गई। श्याम बाबा के वस्त्रों से निर्मित बसंती वस्त्र

प्रसाद को पुण्य फलदायी माना जाता है। इसलिए श्रद्धालु इसे श्याम बाबा के आशीर्वाद

के रूप मे ग्रहण करते हैं। दोपहर को बसंती श्याम रसोई का आयोजन किया गया। श्याम रसोई

के माध्यम से सभी भक्तों को सात्विक लंगर प्रसाद ग्रहण करने का अवसर मिला।

बीड़ बबरान धाम के निज पुजारी विनय शर्मा ने बताया

कि श्रद्धालुओं की बीड़ बबरान धाम व श्याम बाबा के प्रति अगाध आस्था है। इसलिए विशेष

अवसरों व त्योहार के दिन यहां श्रद्धालुओं की भीड़ का पारावार नहीं रहता। विनय शर्मा

ने बताया कि बसंत पंचमी के दिन बाबा के दरबार में माथा टेककर सच्चे मन से मांगी गई

मुराद अवश्य पूरी होती है।

श्रद्धालुओं ने किए महाभारतकालीन पीपल के दर्शन

बीड़ बबरान धाम में आयोजित बसंत पंचमी उत्सव में

हिस्सा लेने वाले श्रद्धालुओं ने श्याम बाबा के दरबार में माथा टेकने के बाद महाभारतकालीन

पीपल के वृक्ष के दर्शन भी किए। यह वृक्ष भगवान श्रीकृष्ण व वीर बर्बरीक के जीवंत संवाद

का साक्षी है। धर्म ग्रंथों के अनुसार वीर बर्बरीक ने एक तीर से इस पीपल के वृक्ष के

हर पत्ते में छेद कर दिया था। इस वृक्ष पर नई कोंपले आते ही थोड़े दिनों में हर पत्ते

में छेद दिखाई देने शुरू हो जाते हैं। भक्तों ने धाम में स्थापित श्याम बाबा के भव्य

दरबार, वीर हनुमान के मंदिर, शिव परिवार, अखंड जोत, धूणे, घोड़े के पांव के निशान वाली

शिला व मढ़ी के भी दर्शन किए।

न्यूज़ एजेंसी/ राजेश्वर


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