श्री काशी विश्वनाथ के विवाहोत्सव महाशिवरात्रि की तैयारी, लोक उत्सव महंत आवास पर

फाइल फोटो

– शुरुआत हल्दी उत्सव से,महंत आवास पर पूरा कार्यक्रम

वाराणसी,06 फरवरी (न्यूज़ एजेंसी)। काशीपुराधिपति की नगरी अपने आराध्य के विवाहोत्सव महाशिवरात्रि की तैयारियों में जुट गई है। फाल्गुन मास की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती का विवाह होगा। बाबा के विवाहोत्सव की शुरुआत 24 फरवरी को हल्दी की रस्म से होगी। पूरे विवाहोत्सव का पारम्परिक उत्सव श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत परिवार के टेढ़ीनीम स्थित आवास गौरी सदनिका में होगा। आवास पर बाबा के रजत विग्रह के समक्ष हल्दी तेल का लोकाचार काशीवासी 24 फरवरी को निभाएंगे। इसके पूर्व बसंत पंचमी पर्व पर बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ की प्रतिमा के समक्ष तिलकोत्सव की परंपरा का निर्वाह किया गया था। हल्दी की रस्म के लिए गवनहिरयों की टोली संध्या बेला में महंत आवास पर जमा होगी। मंगल गीतों के गान के बीच बाबा को हल्दी लगाई जाएगी। यह रस्म काशी विश्वनाथ मंदिर के मंहत रहे डा. कुलपति तिवारी के गोलोकवास होने के बाद पहली बार उनकी पत्नी मोहिनी देवी के सानिध्य में वंश परंपरानुसार उनके पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी निभायेंगे। मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान होगा। ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना के गीत मुखर होंगे। हल्दी के पारंपरिक शिव गीतों में दुल्हे की खूबियों का बखान कर शिवांजलि प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं, इन्हीं गीतों के जरिये भूतभावन महादेव को दूल्हन का ख्याल रखने की ताकीद भी दी जाएगी। शिवाजंलि के संयोजक संजीव रत्न मिश्र ने बताया कि इस अवसर पर शिवांजलि के तहत मथुरा से आमंत्रित नृत्य मंजरी दास का कथक नृत्य होगा। अन्य स्थानीय कलाकार भजनों की प्रस्तुति करेंगे। शिवांजलि के अध्यक्ष पं.वाचस्पति तिवारी ने बताया कि महाशिवरात्रि की महानिशा के चारों प्रहर में महंत परिवार द्वारा की जाने वाली बाबा विश्वनाथ की आरती के विधान पूर्ण करने की तैयारी कर ली गई है। महंत परिवार के सदस्यों के मार्गदर्शन में बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती के विवाह का कर्मकांड पूर्ण परंपरानुसार पूर्ण किया जाएगा।

वाचस्पति तिवारी ने बताया कि महंत आवास पर काशी के लोकउत्सव की शुरुआत बसंत पंचमी पर बाबा विश्वनाथ जी के प्रतिमा का तिलकोत्सव करके हो गई है। जो 10 मार्च रंगभरी एकादशी बाबा की पालकी (गौना यात्रा) तक अनवरत चलती रहेगी।

—लोकाेत्सव विवरण

24 फरवरी (सोमवार) बाबा की हल्दी

26 फरवरी (बुधवार) महाशिवरात्रि (शिव-विवाह)

7 मार्च (शुक्रवार) माता गौरा की हल्दी

8 मार्च (शनिवार) लोकाचार मंगल सगुन

9 मार्च (रविवार ) गौना के लिए बाबा का गौरासदनिका आगमन

10 मार्च (सोमवार) गौरा -गौना की पालकी यात्रा

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न्यूज़ एजेंसी/ श्रीधर त्रिपाठी


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