दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय पहुंची पुलिस, अल्पकालिक मार्शल लॉ की जांच के सर्च वारंट में येओल ‘मुख्य संदिग्ध’      

दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी जांच टीम आज सुबह राष्ट्रपति यून सुक येओल के कार्यालय पहुंची।

सियोल, 11 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी)। दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के 18 अफसरों की जांच टीम आज सुबह राष्ट्रपति कार्यालय पहुंची। राष्ट्रपति कार्यालय के सुरक्षा अधिकारियों ने पुलिस टीम को रोकने की कोशिश की। राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी राष्ट्रपति यून सुक येओल के मार्शल लॉ लगाने की घोषणा के पीछे की पृष्ठभूमि को जानने की कोशिश कर रही है।

दो कोरिया टाइम्स समाचार पत्र की वेबसाइट में यह जानकारी दी गई। खबर के अनुसार, राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने इस संबंध में साक्ष्य जुटाने की कोशिश की। एजेंसी के अधिकारी बाकायदा सर्च वारंट लेकर पहुंचे पर वहां के सुरक्षाकर्मियों ने उनका रास्ता रोकने की कोशिश की। सर्च वारंट में यून को मुख्य संदिग्ध और विद्रोही नेता के रूप में वर्णित किया गया।

तीन दिसंबर की मार्शल लॉ की घोषणा से अब तक…

राष्ट्रपति यून ने तीन दिसंबर को मार्शल लॉ की घोषणा कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया था। इसके बाद तेजी से राजनीतिक घटनाक्रम बदला। नेशनल असेंबली की बैठक में इसे निष्प्रभावी कर दिया गया। यह देखते हुए राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ की अपनी घोषणा को वापस ले लिया। मगर विवाद नहीं थमा। विपक्ष ने नेशनल असेंबली में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश कर दिया। इससे घबराए येओल ने देश से माफी मांग ली। असेंबली में मतदान तो हुआ पर येओल इसमें जीत गए।

साक्ष्य अहम, सुरक्षा जरूरी

राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के तेजतर्रार अफसरों ने आज राष्ट्रपति कार्यालय, कैबिनेट बैठक कक्ष, राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा ऑपरेशन केंद्र के दस्तावेजों को देखा। एजेंसी ने मांग की है कि इन साक्ष्यों की जरूरत होगी। इसलिए उन्हें सुरक्षित रखा जाए। इनमें कैबिनेट बैठकों की उपस्थिति सूची और मिनट्स शामिल हैं। क्योंकि राष्ट्रपति मार्शल लॉ लागू करने और रद्द करने के लिए बैठक आयोजित करने के लिए बाध्य होते हैं। बताया गया है कि पुलिस अधिकारी जब राष्ट्रपति कार्यालय पहुंचे तो येओल वहां नहीं थे। राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने आज राष्ट्रपति कार्यालय के अलावा, सियोल मेट्रोपॉलिटन पुलिस एजेंसी और नेशनल असेंबली पुलिस गार्ड्स से संबंधित दस्तावेज जब्त किया है।

राष्ट्रपति येओल की गिरफ्तारी संभव, विदेश यात्रा पर प्रतिबंध

दक्षिण कोरिया का भ्रष्टाचार जांच कार्यालय भी राष्ट्रपति येओल की जांच कर रहा है। इस कार्यालय ने कहा कि जांच निष्कर्ष राष्ट्रपति यून को पकड़ने के लिए पर्याप्त हैं। भ्रष्टाचार जांच कार्यालय के मुख्य अभियोजक ओह डोंग-वून ने बुधवार को नेशनल असेंबली की विधान और न्यायपालिका समिति की एक बैठक में कहा कि हम कानूनी आवश्यकताओं की समीक्षा करेंगे कि राष्ट्रपति को पकड़ना है या आधिकारिक गिरफ्तारी वारंट की मांग करनी है। उन्होंने कहा कि देशद्रोह के मामले में मुख्य संदिग्ध को गिरफ्तार करना जांच का सिद्धांत है। अगर ऐसा होता है तो यून कोरिया के पहले मौजूदा राष्ट्रपति बन जाएंगे जिन्हें पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया गया। कानून के तहत राष्ट्रपति को राजद्रोह के मामलों को छोड़कर, पद पर रहते हुए अभियोजन से छूट प्राप्त है। यदि उन्हें राजद्रोह का दोषी पाया गया तो मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

राष्ट्रपति यून की विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। पुलिस और अभियोजक जांच कर रहे हैं कि क्या उन्होंने और उनके सहयोगियों ने पिछले हफ्ते नेशनल असेंबली में सशस्त्र सैनिकों को भेजकर देशद्रोह किया। इससे पहले सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने राजद्रोह और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप में पूर्व रक्षामंत्री किम योंग-ह्यून के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया। किम पर यून को मार्शल लॉ की सिफारिश करने और उसे हटाने पर सांसदों को मतदान करने से रोकने के लिए असेंबली में सेना भेजने का आरोप लगाया गया है।

पूर्व रक्षामंत्री किम गिरफ्तार, हिरासत में आत्महत्या की कोशिश

गिरफ्तारी वारंट में अभियोजन पक्ष ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति यून सुक येओल के साथ मिलकर विद्रोह को उकसाया। पूर्व रक्षामंत्री किम मार्शल लॉ डिक्री पर औपचारिक रूप से गिरफ्तार होने वाले पहले नेता हैं। किम ने सियोल में हिरासत के दौरान आत्महत्या करने की कोशिश की। अब किम को सुरक्षित सेल में रखा गया है। कोरिया सुधार सेवा के आयुक्त जनरल शिन योंग-हे ने न्यायपालिका समिति को किम के इस कदम की जानकारी दी है।

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न्यूज़ एजेंसी/ मुकुंद


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