सूरत, 18 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी)। साकेत ग्रुप आने वाली 22 दिसंबर को नारी शक्ति जल संचय यात्रा का आयोजन करने जा रहा है। यह यात्रा जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने और नारी शक्ति के माध्यम से समाज को प्रेरित करने के उद्देश्य से सूरत के श्याम बाबा मंदिर से शुरू होकर अल्थान पुलिस स्टेशन के पास से होते हुए अग्रम चैरिटेबल ट्रस्ट (मेहंदीपुर बालाजी मंदिर प्रांगण) वेसू तक जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कैच दी रेन, अभियान का बीड़ा केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने उठाया है। इसके तहत सूरत के कई उद्यमी इस कार्य में जनभागीदारी के तहत जुड़े हैं। कंपनियों के सीएसआर फंड के जरिए राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और बिहार में इस अभियान का आगाज हो चुका है। इस अभियान के लिए जन-जागरूकता का बीड़ा भी सूरत की स्वयंसेवी संस्था साकेत ने उठाते हुए एक जल संचय यात्रा कार्यक्रम तय किया है। इस अनूठी यात्रा में सूरत भर की हजारों महिलाएं जल कलश के साथ भाग लेंगी, जो जल संचय का प्रतीक होगा। यात्रा में सूरत की महिला बुलेट बाइकर्स ग्रुप, महिला साइकलिंग ग्रुप, सफाई कर्मचारी महिलाएं, नर्सिंग स्टाफ और विभिन्न सामाजिक संगठनों की महिलाएं शामिल होंगी। नारी शक्ति, जल शक्ति के नारों के साथ यह यात्रा समाज को जल संरक्षण के महत्व का संदेश देगी।
इस आयोजन को लेकर आज अग्रम स्कूल के बोर्ड रूम में एक विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक में साकेत ग्रुप के अग्रणि सांवरप्रसाद बुधिया, विक्रम सिंह शेखावत, प्रकाश बिंदल, डूंगर सिंह सोढा, रामअवतार पारीक, नथमल अग्रवाल, निरंजन अग्रवाल, सुशील जी पोद्दार, मदनजी के साथ साथ पार्षद रश्मि साबू, कविता अग्रवाल, मनीषा कजारिया, आशा जी लोहिया, नीलम वैद, सुमन जैन, स्मृति जैन, सुनीता नंदवानी, बीना तोसनीवाल, चंदा भोगर, मधु जी, चंचल सहित समाज की प्रमुख अग्रणी महिलाओं एवं समाज के अग्रणी संगठनों के पदाधिकारी ने भाग लिया। बैठक में यात्रा की तैयारियों, मार्ग और अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने के प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की गई। सभी सदस्यों ने जल संरक्षण के इस अभियान को सफल बनाने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
नारी शक्ति जल संचय यात्रा साकेत ग्रुप की एक अनूठी पहल है, जो समाज में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के साथ-साथ महिलाओं की सशक्त भागीदारी को भी प्रोत्साहित करती है। सूरत के नागरिक इस पहल को लेकर उत्साहित हैं और इसे भरपूर समर्थन दे रहे हैं। यह यात्रा न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगी, बल्कि नारी शक्ति के महत्व को भी उजागर करेगी।
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न्यूज़ एजेंसी/ बिनोद पाण्डेय
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