![नारायण सेवा संस्थान का 43वां दिव्यांग सामूहिक विवाह आज, 51 जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे नारायण सेवा संस्थान का 43वां दिव्यांग सामूहिक विवाह आज, 51 जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे](https://hs.sangraha.net/NBImages/3000/2025//02//07/12277defea40d74473ef7a3899806aff_1970473891.jpg)
उदयपुर, 7 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। नारायण सेवा संस्थान के 43वें नि:शुल्क दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह समारोह का शुभारंभ शनिवार को बड़ी स्थित सेवा महातीर्थ में होगा। दो दिवसीय इस आयोजन में 28 दिव्यांग और 23 निर्धन जोड़े विवाह बंधन में बंधेंगे।
संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि पहले दिन गणपति स्थापना, हल्दी, मेहंदी की रस्मों के साथ धर्म माता-पिता का अभिनंदन समारोह होगा। शाम को पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ नृत्य व महिला संगीत का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि इन दिव्यांग जोड़ों की संघर्षभरी कहानियां प्रेरणादायक हैं और इनकी जिंदादिली समाज को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की सीख देगी।
टीकमगढ़ (मप्र) के धर्मदास पाल (35) जन्मजात दोनों हाथों से दिव्यांग हैं। नारायण सेवा संस्थान के कार्यों से प्रेरित होकर उन्होंने अपने जीवन में बदलाव किया। उनकी जीवन संगिनी बनने जा रही धार की रेशमा परमार बचपन में पोलियो से ग्रसित हो गईं, लेकिन आत्मनिर्भर बनीं। व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से दोनों की दोस्ती हुई, जो विवाह तक पहुंची। छत्तीसगढ़ के सोमनाथ धृतलहरे (28) वर्ष 2018 में बाइक हादसे में एक हाथ गंवा बैठे। नारायण सेवा संस्थान से कृत्रिम हाथ और मोबाइल रिपेयरिंग का प्रशिक्षण प्राप्त कर वे आत्मनिर्भर बने। एक दिव्यांग पैदल मार्च में सेंदरी जैजैपुर की राखी से उनकी मुलाकात हुई, जो अब विवाह बंधन में बदलने जा रही है। बांसवाड़ा के कचरूलाल (29) जन्मजात पोलियो से ग्रसित हैं और लाठी के सहारे चलते हैं। वहीं पादरा-बडाना की काली कुमारी (25) निर्धन परिवार से हैं। परिवारों ने एक साल पहले उनकी सगाई कराई थी, लेकिन दिव्यांगता और आर्थिक तंगी के चलते विवाह संभव नहीं हो पा रहा था। अब वे निशुल्क विवाह समारोह में परिणय सूत्र में बंधेंगे।
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न्यूज़ एजेंसी/ सुनीता
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