
भोपाल, 5 फरवरी (न्यूज़ एजेंसी)। मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी द्वारा जबलपुर परियोजना इकाई के अतंर्गत सात नगरीय निकायों में जल प्रदाय योजना का काम पूरा कर लिया गया है। यह कंपनी नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के अंतर्गत कार्य कर रही है। एशियन डेवपलमेंट बैंक की सहायता से नर्मदा पेयजल योजना तैयार की गई है। इस योजना को नर्मदा पेयजल योजना को भेड़ाघाट के नाम से जाना जा रहा है। इस पेयजल योजना से जिन निकायों को पेयजल उपलब्ध हो रहा है, उनमें भेड़ाघाट, पाटन, कटंगी, मझौली, पनागर, सिहोरा और दमोह जिले का तेंदूखेड़ा शामिल हैं। इनमें 1.62 लाख आबादी को नल से जल मिल रहा है।
जनसम्पर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने बुधवार को बताया कि इस जल प्रदाय योजना के लिए नर्मदा नदी के किनारे लम्हेटाघाट में इंटैकवैल स्थापित किया गया है। वहीं जल शोधन के लिए 31 एमएलडी का जल शोधन संयंत्र स्थापित किया गया है। सभी सात निकायों में जल संग्रहण के लिए कुल 13 उच्च स्तरीय टंकियों का निर्माण किया गया है। हर घर नल से शुद्ध जल पहुँचे, इसके लिए 159 किलोमीटर की मुख्य पाईप लाईन और 328 किलोमीटर की वितरण पाईप लाईन बिछाई गई है।
उन्होंने बताया कि भेड़ाघाट जल प्रदाय योजना से सात नगरों में 32 हजार से अधिक घरों को नल कनेक्शन दिए गए हैं। इन नगरों की एक लाख 62 हजार की आबादी लाभन्वित हो रही है। योजना की विशेष बात यह है कि आगामी 30 वर्षों की जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रख कर योजना डिजाइन की गई है। दस वर्षों के संचालन और संधारण के साथ योजना की लागत लगभग 257 करोड़ रुपये है।
पहले इन निकायों में जल प्रदाय की कोई स्थाई व्यवस्था नहीं थी। महिला हो या बच्चे पानी लेने के लिए घर से दूर जाकर कठिन कार्य करते थे। पूर्व में इन नगरों में हैंडपंप के आस-पास लंबी कतारें होती थीं और जनसामान्य तकलीफों का सामना करता था। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी की कोशिशों से शोधन उपरांत शुद्ध पानी घर घर पहुँचाने की व्यवस्था की जा रही है। शोधित पानी होने के कारण जल से होने वाली बीमारियों से भी जनसामान्य को छुटकारा मिला है।
न्यूज़ एजेंसी/ मुकेश तोमर
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