मैनपुरी, 17/11/2024 – उत्तर प्रदेश: मैनपुरी के नगला रते गांव में इन दिनों तनाव का माहौल है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा उस जमीन पर शमशान घाट का निर्माण किया जा रहा है, जिस पर कोर्ट ने पहले ही स्टे लगा रखा है ओर शमशान की जमीन आबादी के बीचों बीच है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस निर्माण कार्य के चलते उन्हे कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि शव जलाने से निकलने वाली दुर्गंध और धुआं उनके स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। इसके अलावा, बच्चे मानसिक रूप से डरे हुए हैं और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। एक ग्रामीण ने बताया, “हम यहां कई सालों से रह रहे हैं, लेकिन अब जीना मुश्किल हो गया है। प्रशासन हमारी सुन ही नहीं रहा।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि शमशान घाट का निर्माण आबादी के पास करना, स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरनाक है। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन को ज्ञापन देकर अवगत कराया, लेकिन अब तक उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कोर्ट आदेश की अनदेखी पर सवाल
इस मामले में सबसे बड़ी चिंता यह है कि जिस जमीन पर निर्माण कार्य चल रहा है, वह कोर्ट के स्टे के दायरे में आती है। कोर्ट के आदेशों के बावजूद प्रशासन का यह रवैया ग्रामीणों को और अधिक परेशान कर रहा है।
प्रशासन से उठे सवाल
- कोर्ट के स्टे के बावजूद निर्माण क्यों हो रहा है?
- क्या ग्रामीणों के स्वास्थ्य की कोई कीमत नहीं है?
- क्या प्रशासन जिम्मेदार नहीं है?
ग्रामीणों की मांग:
ग्रामीणों ने मांग की है कि शमशान घाट का निर्माण तत्काल रोका जाए और वैकल्पिक स्थान पर इसे शिफ्ट किया जाए।
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