रामगढ़, 22 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी)। रामगढ़ और हजारीबाग जिले में एक तरफ जहां विकास कार्य को गति मिल रही है, वही संगठित अपराध से जुड़े शातिर अपराधी भी लगातार माइंस संचालकों, ट्रांसपोर्टर, ठेकेदारों और कंपनी संचालकों को डरा धमका कर लेवी वसूलने में लगे हैं। रामगढ़ पुलिस की सक्रियता से पांडे गिरोह और श्रीवास्तव गैंग के कुल 13 अपराधियों को हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। रामगढ़ पुलिस की कार्रवाई से पांडे और श्रीवास्तव गिरोह को बड़ा झटका लगा है। रंगदारी मांगने वाले अपराधियों की पूरी टीम गिरफ्तार हो जाने से व्यापारियों को बड़ी राहत मिल सकती है। इस मामले की जानकारी रविवार को संवाददाता सम्मेलन कर पतरातू एसडीपीओ पवन कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि दोनों ही गैंग के शातिर अपराधियों के पास से देशी पिस्टल, जिंदा गोली, रंगदारी में वसूली गई रकम, धमकी में प्रयुक्त होने वाला मोबाईल, व्यापारियों की मोबाइल नंबर के साथ बनाई गई सूची, कई तस्वीरें बरामद हुई है।
रामगढ़ और हजारीबाग जिले के व्यापारियों से पांडे गिरोह के 11 अपराधी रंगदारी वसूलते थे। पतरातू एसडीपीओ पवन कुमार ने बताया कि इन अपराधियों में हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र अंतर्गत नापोखुर्द गांव निवासी सुनील कुमार, सूरत कुमार दास, गिद्दी थाना क्षेत्र के पुराना बुध बाजार निवासी राजविंदर सिंह उर्फ आकाश उर्फ गोलू, राजवीर सिंह उर्फ कैप्टन, मोहित कुमार ठाकुर, रेलीगढ़ा निवासी ब्रजेश कुमार, भुरकुंडा थाना क्षेत्र के रिवर साइड निवासी वशिष्ठ कुमार उर्फ बिट्टू, कुजू ओपी ओपी क्षेत्र के आरा डूमरबेड़ा निवासी सरफराज अहमद, भुरकुंडा ओपी क्षेत्र के बजरंग चौक, रिवर साइड निवासी राजवीर सिंह, प्रेम कुमार और हरपीत सिंह शामिल हैं।
एसडीपीओ पवन कुमार ने बताया कि हजारीबाग जिला के गिद्दी थाना क्षेत्र अंतर्गत पुराना बुध बाजार निवासी राजविंदर सिंह उर्फ आकाश उर्फ गोलू अपराधियों का हैंडल चल रहा था। उसे जेल में बंद पांडे गिरोह के प्रकाश साहू और मुकेश साहू उर्फ पठान से निर्देश मिलता था। बरका सायल डी सीसीएल एरिया में रोड निर्माण कार्य में पांडे गिरोह के सदस्यों के जरिये हथियार का भय दिखाकर धमकी दी गई, साथ ही रंगदारी मांगी गई थी। इस मामले में अपराधियों के खिलाफ कांड संख्या 294/ 2024 दर्ज किया गया था। इसी कांड के उद्भेदन के लिए पुलिस जब छापेमारी कर रही थी, तो राजविंदर सिंह उर्फ आकाश उर्फ गोलू पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने उसके बैग की तलाशी ली तो उसके पास रंगदारी में वसूले गए 1.41 लाख रुपए मिले।
साथ ही उसके पास देसी कट्टा और दो जिंदा गोली भी था। पांडे गिरोह में शामिल अपराधी को हर महीने वेतन मिलता था। इसके अलावा धमकी देने वाले स्थान पर जाने के बाद 500 रुपए मिलते थे। इसके लिए बाकायदा अपराधियों की हाजिरी बनती थी। यह हाजिरी बनाने के लिए वे लोग अपनी तस्वीर भेजते थे। एसडीपीओ पवन कुमार ने बताया कि प्रकाश साहू और मुकेश साहू के जरिये गिरोह के लोगों को रंगदारी मांगने के लिए पहले फोन करने की बात कही जाती थी। अगर कंपनी संचालक उसके बाद भी नहीं डरे, तो उनके कार्य स्थल पर जाकर गिरोह के सदस्य हथियार दिखाते थे। धमकी देने वाले स्थान पर वह अपनी फोटो खींचते थे और जेल में बंद प्रकाश साहू और मुकेश साहू को राजविंदर के माध्यम से भेजते थे। फोटो पहुंचते ही 500 रुपए मिल जाते थे। साथ ही गिरोह के लिए काम करने पर उन्हें 5000 रुपए प्रति महीना मिलता था।
पांडे गिरोह के गिरफ्तार 11 अपराधियों ने हाल ही में 13 लाख रुपए की रंगदारी वसूली और उसे अपने सरगना तक पहुंचा दिया था। 13 लाख देने पर राजविंदर सिंह उर्फ आकाश उर्फ गोलू को 1.41 लाख रुपए गिरोह के अन्य सदस्यों को हर महीने तनख्वाह देने के लिए दिया गया। इस रुपए का इस्तेमाल आगे दिए जाने वाली धमकी में होने वाला था। राजविंदर ही वह कड़ी था जो सारे अपराधियों के बीच हर महीने रकम बांटता था और विजिट के आधार पर 500 रुपए भी देता था। फिलहाल यह कड़ी उसकी गिरफ्तारी के बाद टूट गई है।
पतरातू एसडीपीओ पवन कुमार ने बताया कि पतरातू रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण हो रहा है। इस कार्य में लगी एमजीसीपीएल कंपनी से श्रीवास्तव गैंग लगातार रंगदारी मांग रहा था। यहां तक कि निर्माण स्थल पर मशीनों पर गोली भी चलाई गई थी। शनिवार को पुलिस को सूचना मिली कि पतरातू डैम के पास दो व्यक्ति अवैध पिस्तौल लेकर एक नीले रंग के पल्सर बाइक जेएच 01 बीएफ 3991 से किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए योजना बना रहे हैं। पुलिस ने जब छापेमारी की तो वहां रांची जिले के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत कोकर, डेलाटोली निवासी साहिल सिंह और लालपुर थाना क्षेत्र के न्यू नगराटोली निवासी राहुल शर्मा को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से 7.65 एमएम बोर का देसी पिस्तौल और तीन जिंदा गोली बरामद किया गया। पूछताछ के दौरान पता चला कि वे लोग श्रीवास्तव गैंग के लिए काम कर रहे हैं। रंगदारी मांगने के लिए गोली चलाते हैं। उन्हें जेल में बंद श्रीवास्तव गैंग के अमन श्रीवास्तव एवं शिव शर्मा से निर्देश मिलता था।
छापेमारी दल में पतरातू एसडीपीओ पवन कुमार, बड़कागांव एसडीपीओ पवन कुमार, पतरातू थाना प्रभारी शिवलाल कुमार गुप्ता, भुरकुंडा ओपी प्रभारी निर्भय कुमार गुप्ता, बासल थाना प्रभारी कैलाश कुमार, भदानीनगर ओपी प्रभारी संजय कुमार रजक, बरकाकाना ओपी प्रभारी उमाशंकर वर्मा, गिद्दी थाना प्रभारी कुंदन कुमार, केरेडारी थाना प्रभारी विवेक कुमार, उरीमारी थाना प्रभारी रामकुमार राम, भुरकुंडा ओपी में पदस्थापित अविनाश कुमार, कुणाल कुमार और अन्य सशस्त्र बल शामिल थे।
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न्यूज़ एजेंसी/ अमितेश प्रकाश
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