मैनपुरी, 16/10/2024 (सत्यबोध संवाददाता) – उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के कोतवाली थाने में धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है। एक महिला द्वारा दायर शिकायत के बाद, पुलिस ने ग्राम पंचायत अधिकारी और दो अन्य व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज की है। मामला जाली दस्तावेजों के आधार पर पैतृक संपत्ति का हक जताने और उसे हड़पने का है। पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी, और साजिश के तहत आरोपितों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
घटना का पूरा विवरण
शिकायतकर्ता मालती देवी, जो मैनपुरी जिले के लालपुर गांव की निवासी हैं, ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि उनके माता-पिता और भाई की मृत्यु के बाद, कुछ व्यक्तियों ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके उनके परिवार की पैतृक संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि एक महिला रामदेवी और उसके पुत्र अजय राजपूत ने ग्राम पंचायत अधिकारी सुभाष चंद्र के साथ मिलकर उनके पैतृक संपत्ति के कागजात में जालसाजी की और उसे अपनी संपत्ति के रूप में दर्ज करा लिया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने एफआईआर में बताया कि यह घटना पहली बार 30 जून 2023 को प्रकाश में आई, जब शिकायतकर्ता ने अपनी संपत्ति के दस्तावेजों में जालसाजी की सूचना दी। इसके बाद से, शिकायतकर्ता लगातार पुलिस से कार्रवाई की मांग कर रही थीं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था। अंततः, 14 अक्टूबर 2024 को, पुलिस ने धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जाली दस्तावेज), 468 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया।
आगे की जांच
पुलिस ने कहा कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है, और जल्द ही आरोपितों से पूछताछ की जाएगी। प्राथमिक जांच में पाया गया है कि जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर संपत्ति का हस्तांतरण किया गया था। इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया के तहत आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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