महाराष्ट्र विस चुनावः महिला मतदाताओं की मुखरता से बदल रही तस्वीर

डॉ. राजेंद्र प्रसाद शर्मा

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा

महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावी नतीजों को बदलने में महिलाओं की प्रमुख भूमिका हो गई है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महिलाओं के 6 प्रतिशत अधिक मतदान ने चुनावी परिणामों को पूरी तरह बदल कर रख दिया। इसी साल की शुरुआत में हुए लोकसभा के चुनाव परिणामों से महाराष्ट्र में कांग्रेस नीत महाअघाड़ी गठबंधन अतिउत्साह में था और लगभग यह मान कर चल रहे थे कि महाराष्ट्र के चुनाव नतीजे उनके पक्ष में ही होंगे। अत्यधिक आत्मविश्वास के चलते चुनावी अभियान की सही दिशा व समझ नहीं पाए और इसका परिणाम यह रहा कि भाजपा नीत गठबंधन ने विजय के सारे रिकार्ड तोड़ दिए।

मानें या ना मानें पर चुनावी नतीजों को बदलने में महिलाओं की प्रमुख भूमिका रही। मध्य प्रदेश से निकली लाड़ली बहना महाराष्ट्र तक आते-आते माझी लाड़की बहना योजना हो गई जिसे महाराष्ट्र सरकार द्वारा इसी साल लागू करने और चुनाव से पहले ही इसकी तीन किश्तें लक्षित महिलाओं के खातों में जाने से पूरा माहौल बदल गया। योजना शुरू करने पर विपक्ष ने विरोध किया और यहां तक कि कोर्ट में जनहित याचिकाएं लगाई गई पर कोर्ट द्वारा योजना को सही ठहराने और सीधे खाते में पैसे आने से महिलाओं में सरकार के प्रति विश्वास जगा वहीं, महाअघाड़ी गठबंधन महिलाओं से जुड़ी इस योजना को समझने में ही देरी कर दी और भले ही बाद में चुनाव घोषणापत्र या यों कहें कि चुनावी वादों में अधिक पैसा देने का वादा भी किया पर महिलाओं का विश्वास नहीं जीत पाए। सही मायने में देखा जाए तो महिला शक्ति गेम चेंजर बन कर सामने आई। कहा तो यहां तक जाने लगा है कि महिलाएं जिनके साथ हैं, सत्ता भी उनके हाथ ही लगेगी।

विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में चुनावों में महिलाओं की बढ़ती सक्रिय भागीदारी तारीफे काबिल है। गत चुनाव चाहे वे लोकसभा के हों या राज्यों की विधानसभाओं के, देश की महिला वोटरों ने नई सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चुनाव में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं ने अधिक मुखर होकर मतदान किया। यह माना जाने लगा है कि देश के एक दर्जन के करीब राज्यों में महिलाओं के वोट ही नई सरकार के गठन में बड़ी भूमिका निभाने लगे हैं। तस्वीर का सकारात्मक पक्ष यह है कि मतदान ही नहीं चुनावों में सक्रियता से हिस्सा लेने और चुनावों में उम्मीदवारी के मामले में भी महिलाएं आगे आई हैं। देश के पहले और दूसरे आम चुनावों में जहां 22 महिला सांसद चुन कर आई थीं, वहीं गत 2024 के आमचुनाव में 74 महिला सांसद चुन कर आई हैं। हालांकि आधी आबादी को मुख्यधारा में लाने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा नए सब्जबाग दिखाने के बावजूद टिकट वितरण के समय महिलाओं की हिस्सेदारी कम रह जाती है। अनुभव यही बताता है कि किसी भी राजनीतिक दल द्वारा आधी तो दूर की बात एक-तिहाई सीटों पर भी महिलाओं को टिकट नहीं दिए जाते हैं। इस बार महाराष्ट्र चुनाव में 50 महिलाओं को टिकट दिए गए और 21 महिलाएं चुनाव जीत कर विधायक बनी हैं।

सबसे अच्छी बात यह है कि गांव हो या शहर, महिलाएं अब घर की चारदीवारी में कैद रहने वाली या पुरुष के कहे अनुसार मतदान करने वाली नहीं रही है। पुरुषों की हां में हां मिलाने वाली स्थिति से बहुत बाहर आ चुकी हैं आज देश की महिलाएं। संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया में महिलाएं सक्रियता से हिस्सा लेने लगी हैं। चुनावों में उम्मीदवारी भी जताती हैं तो चुनाव कैंपेन के दौरान उपस्थिति भी दर्ज कराती हैं। दूसरी ओर मतदान में भी आगे आकर हिस्सा लेने लगी है। देखा जाए तो महिलाओं ने जिस दल पर अधिक भरोसा जताया या यों कहें कि जिस दल को अधिक मत दिए उसी दल की सरकार बनी। अब सभी राजनीतिक दल महिला मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने के हरसंभव प्रयास करते हैं। महिला मतों के लिए उनसे जुड़ी योजनाएं और कार्यक्रम ना केवल घोषित किये जा रहे हैं अपितु राजनीतिक दलों के चुनाव घोषणा पत्रों में उन्हें शामिल किया जाता है। क्योंकि यह साफ है कि आज की महिला स्वयं निर्णय लेने में सक्षम है और उसे दबाव या अन्य तरीके से प्रभावित नहीं किया जा सकता। कम से कम चुनावों के परिणाम तो इसी और इंगित कर रहे हैं।

देश के लोकतंत्र के इस महापर्व में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी इसे शुभ संकेत माना जा सकता है। इसे देश और लोकतंत्र दोनों के लिए ही सकारात्मक प्रयास कहा जा सकता है तो दूसरी और दुनिया के देशों के लिए भी भारत की महिलाएं मिसाल बन कर सामने आ रही हैं। इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए कि भविष्य के चुनावों में भी राजनीतिक दलों को सत्ता का स्वाद चखना है तो उन्हें महिला मतदाताओं का खास ध्यान रखना होगा।

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

———————

न्यूज़ एजेंसी/ संजीव पाश


Discover more from सत्यबोध इंडिया न्यूज़

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

error: Content is protected !!
Solution prime ltd. Link. 7750 east nicholesds street waxhaw, st.