कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक लोन धोखाधड़ी : आरोपित युद्ध सिंह बैंस की अंतरिम जमानत बढ़ी, अगली सुनवाई सात फरवरी को

कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक लोन धोखाधड़ी : आरोपित युद्ध सिंह बैंस की अंतरिम जमानत बढ़ी, अगली सुनवाई सात फरवरी को

शिमला, 31 जनवरी (न्यूज़ एजेंसी)। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक से 20 करोड़ रुपये की लोन धोखाधड़ी मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में आरोपी युद्ध सिंह बैंस की अंतरिम जमानत पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत को एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी।

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता पेश हुए। जबकि युद्ध सिंह बैंस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अंकुश दास सूद ने पैरवी की। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई।

अधिवक्ता अंकुश दास सूद ने तर्क दिया कि यह मामला सिर्फ लोन स्वीकृति से जुड़ा हुआ है और इसमें किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं हुई है। वहीं महाधिवक्ता ने अदालत के सामने स्पष्ट किया कि आरोपी ने बैंक के साथ जमीनी मूल्यांकन में बड़ा घोटाला किया है। बैंक को दिखाया गया कि जिस जमीन पर होटल बनाया जाना है। उसकी कीमत 165 करोड़ रुपये है जबकि असल में उसका मूल्य मात्र 100 करोड़ रुपये था। इस तरह गलत आंकड़े प्रस्तुत कर बैंक से लोन मंजूर कराया गया।

गौरतलब है कि युद्ध सिंह बैंस हिमाचल प्रदेश विजिलेंस ब्यूरो द्वारा की जा रही 20 करोड़ रुपये के लोन घोटाले की जांच में आरोपी हैं। इस मामले में बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है।

जांच में सामने आया है कि होटल निर्माण के नाम पर 60 करोड़ रुपये के लोन के लिए आवेदन किया गया था जिसमें से 20 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए। जांच में ये भी खुलासा हुआ कि कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों ने होटल मालिकों के साथ मिलकर लोन नियमों और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) व नाबार्ड के दिशानिर्देशों की अनदेखी की।

होटल निर्माण से जुड़े इस कथित घोटाले में मैसर्ज हिमालय स्नो विलेज और मैसर्ज होटल लेक पैलेस के मालिकों के साथ-साथ बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

विजिलेंस ने इस धोखाधड़ी में आरोपी युद्ध सिंह बैंस समेत अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (कूटरचना), 471 (फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल), 120-बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(ए)/13(2) के तहत मामला दर्ज किया है। मामला ऊना स्थित विजिलेंस पुलिस थाना में दर्ज किया गया है और जांच जारी है।

विजिलेंस ने इस मामले में युद्ध सिंह बैंस को कई बार शिमला स्थित अपने कार्यालय बुलाकर पूछताछ की है। हालांकि गिरफ्तारी से बचने के लिए बैंस ने पहले ही हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत हासिल कर ली थी जो अब एक हफ्ते के लिए बढ़ा दी गई है।

अब सात फरवरी को अगली सुनवाई

हाईकोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए सात फरवरी की तारीख तय की है। अब इस मामले में आगामी शुक्रवार को दोनों पक्षों के बीच फिर से बहस होगी। विजिलेंस इस मामले में अपनी जांच को तेज कर चुकी है और बैंक अधिकारियों के रोल की भी गहनता से जांच की जा रही है।

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न्यूज़ एजेंसी/ उज्जवल शर्मा


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