इंदौर, 23 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी)। पौष कृष्ण पक्ष की अष्टमी के मौके पर सोमवार सुबह इंदौर में प्राचीन रणजीत हनुमान मंदिर के नाम से प्रसिद्ध भगवान रणजीत हनुमान की 139वीं प्रभात फेरी निकाली गई। स्वर्ण रथ पर सवार होकर बाबा हनुमान नगर भ्रमण पर निकले। प्रभात फेरी में पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान सुरक्षा के लिए करीब एक हजार पुलिसकर्मी तैनात रहे। प्रभात फेरी के दौरान बाबा रणजीत हनुमान का शहर भर में 200 से ज्यादा मंचों पर स्वागत हुआ।
मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित दीपेश व्यासने बताया कि बाबा रणजीत हनुमान की 139वीं प्रभात फेरी सुबह सोमवार सुबह 5 बजे मंदिर से शुरू हुई। इस दौरान भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिला। प्रभात फेरी में भक्त नाचते-गाते जय रणजीत के जयघोष लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। प्रभात फेरी में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंचे। पांच विशिष्ट हनुमान की वेशभूषा में आए कलाकार ने सभी का ध्यान खींचा। भगवान राम और हनुमान की झांकियां भी आकर्षण का केंद्र रहीं। नगर भ्रमण करने के बाद रणजीत हनुमान का स्वर्ण रथ सुबह करीब 11.15 बजे वापस मंदिर परिसर पहुंचा।
प्रभात फेरी के दौरान महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सेवादार रस्सी का घेरा बनाकर चल रहे थे। इस दौरान रास्ते में बीच में किसी को नहीं आने दिया गया। सादी वर्दी में भी कई महिला पुलिसकर्मी शामिल रहीं। रास्ते में जगह-जगह चाय-पोहे और नाश्ते के स्टॉल लगाए गए। प्रभात फेरी में मंत्री तुलसी सिलावट, इंदौर-3 के विधायक गोलू शुक्ला, इंदौर-4 से विधायक मालिनी गौड़ समेत कई साधु-संत यात्रा में शामिल हुए।
138 साल पुराना है मंदिर का इतिहास-
मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास के मुताबिक, रणजीत हनुमान मंदिर 138 साल पुराना है। शुरू से ही प्रभात फेरी निकाली जा रही है। यह परंपरा आज भी कायम है। शुरुआत की बात करें तो रणजीत हनुमान मंदिर के संस्थापक पुजारी भोलाराम व्यास थे। वर्ष 1950 तक इनका कार्यकाल रहा। फिर उनके बेटे पं. गोपीकिशन व्यास ने यह जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने 1970 तक मंदिर में भगवान की सेवा की। इसके बाद उनके बेटे पं. त्रिलोकीनाथ व्यास को 2008 तक भगवान की सेवा की।
पूरे मार्ग को भगवा ध्वजा से सजाया-
रणजीत हनुमान मंदिर से निकली प्रभात फेरी में झांकियां, भजन मंडलों के वाहन, बग्घी, रथ शामिल रहे। इन्हें क्रमबद्ध करने में रविवार रात 10 बजे से मंडल के सदस्य जुट गए थे। पूरे मार्ग को भगवा ध्वजा से सजाया गया था। प्रभातफेरी महू नाका, अन्नपूर्णा मंदिर, नरेंद्र तिवारी मार्ग होते हुए सुबह 11 बजे वापस मंदिर पहुंची। इसी के साथ प्रभात फेरी का समापन हुआ। इस अवसर पर विधि-विधान से अभिमंत्रित सवा लाख रक्षा सूत्रों को मंदिर से निशुल्क वितरित किया गया। प्रभात फेरी के मंदिर पहुंचने के बाद सफाई कर्मचारियों ने मोर्चा संभाला। उनके साथ महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी झाड़ू लेकर सड़क पर उतर गए।———–
न्यूज़ एजेंसी/ मुकेश तोमर
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