मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ केंद्र और राज्यों को ‘रुथलेस अप्रोच’ के साथ कार्रवाई करनी होगी : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को विज्ञान भवन में सम्मेलन को संबोधित करते हुए

नई दिल्ली, 11 जनवरी (न्यूज़ एजेंसी)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि देश में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकारों को संयुक्त होकर ‘रुथलेस अप्रोच’ के साथ कार्रवाई करनी होगी।

गृह मंत्री ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा आयोजित मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि अगर हम भारत को दुनिया में प्रथम बनाना चाहते हैं, तो यह नशा मुक्त भारत के बिना संभव नहीं है। शाह ने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत की सात प्रतिशत आबादी नशे की लत में है। अगर हम अभी नहीं चेते तो दस साल में बहुत देर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केंद्र और राज्य सरकारों को एकजुट मंच पर सामूहिक रूप से लड़नी होगी। उन्होंने कहा, “कोई भी देश नशे से ग्रसित युवा पीढ़ी के साथ विकास के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ सकता। हमारी जिम्मेदारी है कि हम सभी मिलकर इस चुनौती से लड़ें और इस लड़ाई को जीतने के लिए संपूर्ण प्रयास करें।”

नशीले पदार्थों के प्रति सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराते हुए शाह ने घोषणा की कि आज, हमने जब्त किए गए नशीले पदार्थों को जलाने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों को जलाने का पखवाड़ा के दौरान अगले 10 दिनों के भीतर एक लाख किलोग्राम मादक द्रव्य नष्ट किए जाएंगे, जिसका अंतरराष्ट्रीय बाजार में 8600 करोड़ रुपये मूल्य है।

पिछले दशक में हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूत हुई है। गत 10 वर्षों में ड्रग्स की जब्ती में 7 गुना वृद्धि दर्ज हुई, जो एक बड़ी उपलब्धि है। मोदी सरकार ने कठोर कार्रवाई से ड्रग्स के पूरे इकोसिस्टम को तबाह करने का मजबूत संदेश दिया है। उन्होंने पिछली सरकार के आंकड़े साझा करते हुए कहा कि 2004-14 तक 3.63 लाख किलो मादक द्रव्यों की जब्ती की गई। वहीं पिछले 10 साल में हमने 24 लाख किलो ड्रग्स जब्त की है। यह सात गुना अधिक है। यह बहुत बड़ा उपलब्धि है। इस अवधि में डिस्पोज किए गए ड्रग के तुलनात्मक मूल्य में भी आठ गुना वृद्धि हुई है। 2004-14 में यह 8 हजार 150 करोड़ था वहीं 2014-24 में 56 हजार 851 करोड़ हुआ है।

उन्होंने कहा कि 2024 में 16,914 करोड़ रुपये के ड्रग्स जब्त कर एनसीबी और देशभर की पुलिस ने नशे के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई की, जिससे युवाओं और समाज को नशामुक्त भविष्य की दिशा में मजबूती मिली है। आजादी के बाद का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। हमारे सामने मौजूद चुनौती को देखते हुए हमें और मजबूती के साथ बारीक प्लानिंग, समयानुकूल रणनीति बनाकर आगे बढ़ना होगा तभी हम सफल हो पाएंगे। शाह ने कहा कि अगर हम एक जिले को नशामुक्त कर सकते हैं, तो धीरे-धीरे पूरे देश को नशामुक्त करना संभव है। जिला स्तर की परिस्थितियों के आधार पर रणनीति बनेगी, तो इसमें भारी सफलता मिलेगी।

शाह ने कहा कि आलोचक दावा कर रहे हैं कि नशीली दवाओं की खपत में वृद्धि हुई है, लेकिन तथ्य यह है कि ये आंकड़े नशीली दवाओं के उपयोग में वास्तविक वृद्धि के बजाय नशीली दवाओं के नेटवर्क पर नकेल कसने में प्रवर्तन एजेंसियों की सफलता को दर्शाते हैं।

अमित शाह ने कहा कि डार्क वेब, क्रिप्टो करंसी, ऑनलाइन मार्केट प्लेस और ड्रोन का इस्तेमाल आज भी हमारी लिए चुनौती है। इसके तकनीकी समाधान हमारी एजेंसियों, राज्य सरकार और इस तकनीक से जुड़े युवाओं ने देश के हित में ड्रग फ्री अभियान के हित में ढ़ूढ़ने पड़ेंगे। केमिकल ड्रग को लेकर राज्यों कओ आगाह करते हुए अमित शाह ने कहा कि देशभर में कम से कम 50 से ज्यादा लैब पकड़ी गई हैं। ये बताता है कि हमारी सख्ती के कारण ड्रग की डिमांड में वृद्धि हुई है और ऐसे लोग उसका विकल्प तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी राज्य सरकारों को ‘रुथलेस अप्रोच’ के साथ प्रदेश में चल रही अवैध केमिकल लैब पर कार्यवाही करनी होगी। गृह मंत्री ने कहा कि 2019 से हमारे अप्रोच में बड़ा बदलावा आया है। ड्रग की सप्लाई चेन के खिलाफ हमने रुथलेस अप्रोच को अपनाया है।

शाह ने राज्यों से मानस एप और 1933 टोल-फ्री नंबर को लोकप्रिय बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 25 हजार से अधिक लोगों ने इस पर संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि पीआईटी एनडीपीएस एक्ट का उपयोग बढ़ाना होगा और संपत्ति जब्ती के कानूनी प्रावधान को मजबूत करना ड्रग्स के व्यापार को खत्म करने के लिए जरूरी कदम हैं।

इस मौके पर कार्यक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन कुमार डेका, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक अनुराग गर्ग मौजूद थे। वहीं ऑनलाइन माध्यम से राज्यों के राज्यपाल, प्रशासक और मुख्यमंत्री भी जुड़े थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार


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