हिसार : सुनील कपूर के नाम से रजिस्टर्ड डिवाइस से भेजी गई थी उच्चाधिकारियों को संदिग्ध ईमेल

जानकारी देते एसपी दीपक सहारन तथा एएसपी डॉ. राजेश कुमार मोहन।

जींद के पूर्व एसपी प्रकरण पर एसआईटी ने किया खुलासा

सुनील कपूर एसआईटी की जांच में शामिल होने की बजाय हुआ फरार : एसपी

हिसार, 1 नवंबर (न्यूज़ एजेंसी)। जींद महिला थाना प्रभारी द्वारा सोशल मीडिया चैनल के सुनील कपूर पर दर्ज शिकायत की जांच कर रही हिसार एसआईटी ने सनसनीखेज खुलासा किया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि जिस वाईफाई डिवाइस से संदिग्ध ईमेल से उच्चाधिकारियों को यौन शोषण की शिकायत भेजी गई थी, वह डिवाइस सुनील कपूर के नाम रजिस्टर्ड है। एसआईटी इस मामले में सुनील कपूर से उसका पक्ष जानना जा रही है लेकिन वह जांच में शामिल होने की बजाय फरार है।

एसआईटी में शामिल हिसार एसपी दीपक सहारन तथा एएसपी डॉ. राजेश कुमार मोहन ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि महिला थाना प्रभारी मुकेश रानी द्वारा 28 अक्टूबर को सुनील कपूर पर सिविल लाइन में दर्ज एफआईआर नंबर 370 की जांच के चलते एसआईटी ने मामले के गवाहों के बयान दर्ज किए हैं तथा तकनीकी सबूत भी जुटाए हैं। जांच में सामने आया है कि सुनील कपूर और मुकेश रानी का आपस में किसी मामले को लेकर काउंटर शिकायत करने का सिलसिला जारी है। उन्होंने बताया कि 6 अक्टूबर 2023 को दहेज से जुड़ी एफआईआर नंबर 225 दर्ज की गई थी और 6 दिसंबर 2023 को इसे कैंसिल कर दिया गया। गवाहों ने जांच में दिए बयान में बताया कि सुनील कुमार कैंसिल एफआईआर को दोबारा ओपन करवाना चाहता था लेकिन एसएचओ मुकेश रानी ने सबूत के अभावों में एफआईआर दोबारा ओपन करने से मना कर दिया। एसआईटी की जांच में सामने आया कि कैंसिल एफआईआर को लेकर एक मिडल मैन सामने आया है जिसके सामने सुनील कुमार ने एसएचओ को देख लेने की बात की थी।

इस बारे में सुनील कपूर के सोशल मीडिया पेज से भी अहम तथ्य एसआईटी ने जुटाए हैं और एसआईटी ने उस मिडल मैन के बयान भी ले लिया है। जांच प्रभावित न हो इसके लिए एसआईटी उस मिडल मैन के नाम का खुलासा नहीं कर रही। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण के बाद उच्चाधिकारियों को एक शिकायत दी गई, जिसमें यौन शोषण समेत अन्य धाराओं के आरोप है, इसकी जांच अलग से की जा रही है। इसके बाद हिसार एसआईटी ने टेक्निकल विश्लेषण किया तो सामने आया कि जिस संदिग्ध ईमेल आईडी से यह शिकायत की गई थी तो पाया गया कि वह ईमेल आईडी एयरटेल के वाईफाई डिवाइस को प्रयोग करके बनाई गई थी। एसआईटी ने एयरटेल से डिवाइस डेटा लिया तो पता चला कि यह वाईफाई डिवाइस सुनील कपूर के नाम से रजिस्टर्ड है। सुनील कपूर पर पहले से दो एफआईआर दर्ज है।

एसपी तथा एएसपी ने बताया कि सुनील कपूर जांच में शामिल नहीं हो रहा। उच्चाधिकारियों को जो पत्र भेजा गया है, उसके पीछे क्या मंशा है, यह अवैध वसूली के लिए भेजा गया या फिर दबाव बनाने के लिए भेजा गया। इन सभी सवालों के जवाबों का पता लगाना जरूरी है। यह तभी हो पाएगा जब सुनील कपूर खुद को पुलिस के सामने पेश करें और अपने बयान दर्ज करवाए। अभी तक सुनील कपूर शामिल जांच नहीं हो रहे हैं, और अभी तक फरार है।

बता दे कि थाना सिविल लाइन जींद में सोशल मीडिया चैनल पर एक्स्ट्राशन और बदनाम करने की नीयत से सोशल मीडिया एडमिन द्वारा और अन्य व्यक्तियों से मिलीभगत कर एक सोची समझी साजिश के तहत योजनाबद्ध तरीके से जींद महिला पुलिस कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार और यौन शोषण की शिकायत संबंधित वायरल पोस्ट पर प्रबंधक महिला थाना जींद की शिकायत पर केस दर्ज किया गया। इसकी जांच उच्चाधिकारियों के आदेश पर हिसार पुलिस को सौंपी गई है। पुलिस अधीक्षक दीपक सहारन के सुपरविजन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉक्टर राजेश कुमार मोहन की अध्यक्षता ने स्पेशल जांच कमेटी का गठन किया गया। इसके सदस्य निरीक्षक ईश्वर सिहं, निरीक्षक निर्मला, उप निरीक्षक धर्मबीर सिहं, उप निरीक्षक अमित कुमार और सहायक उप निरीक्षक राजाराम है।

न्यूज़ एजेंसी/ राजेश्वर


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