डॉ. तारा देवी सेन ने पेटेंट के लिए दायर किया पोषण से भरपूर मिलेट कुकीज़ का अनोखा नवाचार

डॉ. तारा देवी सेन ने पेटेंट के लिए दायर किया पोषण से भरपूर मिलेट कुकीज़ का अनोखा नवाचार

मंडी, 04 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। वल्लभ कॉलेज मंडी की बॉटनी विभागाध्यक्ष डा. तारा देवी सेन की ओर से पोषण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक अनूठी खोज के लिए आवेदन संख्या -202511008625 के तहत पेटेंट दायर किया गया है। यह नवाचार फिंगर मिलेट रागी, काउंच बीज और तेजपत्ता से समृद्ध पौष्टिक कुकीज़/बिस्किट्स के निर्माण से संबंधित है।

डा. तारा सेन ने बताया कि आज के उपभोक्ता तेजी से लो-कैलोरी और हेल्दी डाइट को प्राथमिकता दे रहे हैं। जिससे संतुलित और पोषणयुक्त स्नैक्स की मांग बढ़ी है। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुएए इस नवाचार के तहत एक ऐसा कुकी5फॉर्मूला विकसित किया गया है, जो स्वाद, पोषण और औषधीय गुणों का अनूठा संयोजन प्रस्तुत करता है। इन कुकीज़ में रिफाइंड आटे के स्थान पर फिंगर मिलेट और गेहूं के आटे का उपयोग किया गया है, जिससे इनका फाइबर और पोषक तत्वों का स्तर बढ़ जाता है। इसके अलावा, पारंपरिक चीनी के स्थान पर गुड़ पाउडर का उपयोग किया गया है, जिससे यह कुकीज़ न केवल स्वास्थ्यवर्धक बल्कि हर आयु वर्ग के लिए सुरक्षित और आदर्श स्नैक विकल्प बन जाती हैं।

स्थानीय सहयोग से नवाचार को बढ़ावा

डॉ. तारा देवी सेन ने बताया कि इन कुकीज़ को गोहर ब्लॉक के स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय कुकीज़ विक्रेता दीपक के सहयोग से तैयार किया। इन कुकीज़/बिस्किट्स को राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के क्षेत्रीय केंद्र, जोगिंदरनगर द्वारा जनवरी माह में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के किसानों के लिए आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र -औषधीय पौधों में मूल्य संवर्धन और प्रसंस्करण- में रिफ्रेशमेंट के तौर पर परोसा गया। इन तीन राज्यों के किसानों ने न केवल इनका आनंद लियाए बल्कि इनके स्वास्थ्य लाभों की भी सराहना की।

पोषण और स्वास्थ्य का अनूठा संयोजन

इस पेटेंट फाइल किए गए नवाचार का आधार पारंपरिक खाद्य पदार्थों को आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ पुनर्परिभाषित करना है। जिसमें फिंगर मिलेट रागी हड्डियों और पाचन के लिए वरदान है, जो कैल्शियम से भरपूर, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। उच्च फाइबर सामग्री, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और पाचन में सुधार में सहायक है। ग्लूटेन.फ्री विकल्प, जो इसे एलर्जी-प्रभावित लोगों के लिए उपयुक्त बनाता है। इसके अलावा काउंच बीज मस्तिष्क और मांसपेशियों के लिए पोषणयुक्त है। काउंच को स्थानीय बोली में द्रागल कहा जाता है। पुराने समय में बच्चे अध्यापकों को परेशान करने के लिए इन बीजों को उनकी कुर्सी पर रख देते थे। हालांकि, पारंपरिक रूप से इनका उपयोग औषधीय रूप में किया जाता रहा है, विशेष रूप से सर्दियों में बनाए जाने वाले लड्डुओं में। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रभावी मानी जाती है। उसी प्रकार तेजपत्ता रोग प्रतिरोधक क्षमता और पाचन तंत्र को मजबूत करने वाला शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स है जो हृदय और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।

डा.तारा देवी सेन द्वारा विकसित यह विशेष मिलेट कुकीज़ स्वास्थ्य, स्थिरता और विज्ञान-आधारित पोषण का बेहतरीन उदाहरण हैं। यह नवाचार उन लोगों के लिए एक सही विकल्प हैए जो स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए पारंपरिक और आधुनिक पोषण के बेहतरीन संयोजन की तलाश में हैं। यह नवाचार पेटेंट के लिए दायर किया गया है, जो इसकी वैज्ञानिक और पोषणात्मक विशेषताओं को प्रमाणित करता है।

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न्यूज़ एजेंसी/ मुरारी शर्मा


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