देहरादून, 21 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को दून विश्वविद्यालय में आयोजित गंगधारा-विचारों का अविरल प्रवाह कार्यक्रम में भाग लिया और कहा कि गंगधारा’ संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देगी। इस अवसर पर उन्होंने पहाड़ी उत्पादों से सुसज्जित विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन हमारी संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के साथ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे गंगा का प्रवाह अविरल है वैसे ही हमारे विचारों का प्रवाह भी निरंतर चलता रहता है, जो हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विचारों का आदान-प्रदान हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा रहा है। हमारे प्राचीन गुरुकुलों में भी संवाद और चर्चा को शिक्षा का आधार माना गया था। इस कार्यक्रम में श्रद्धेय स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज का मार्गदर्शन प्राप्त होगा, जो भारतीय संस्कृति के बारे में अपने विचार साझा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस दो दिवसीय व्याख्यान शृंखला में पलायन, शिक्षा, संस्कृति, पर्यावरण जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही हिमालयी क्षेत्रों की धारण क्षमता पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। ये सभी विषय राज्य और समग्र हिमालयी क्षेत्र के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया। लोकल फॉर वोकल, मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियानों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की स्थापना करेगी, जहां हिंदू सभ्यता, दर्शन, इतिहास और सिद्धांतों पर गहन अध्ययन और शोध किया जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकार ने उत्तराखंड की जीडीपी और जीईपी (ग्रॉस एंवायरनमेंटल प्रोडक्ट) को मापने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास के लक्ष्यों में देश में प्रथम स्थान पर रहा है और राज्य सरकार स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रही है, जैसे स्टेट मिलेट मिशन, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति और फिल्म नीति।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता पर कार्य किया है, जिसे जनवरी 2025 तक लागू कर दिया जाएगा। इसके अलावा अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही, सख्त धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून और नकल विरोधी कानून भी लागू किए गए हैं। इस अवसर पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधायक विनोद चमोली, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल आदि उपस्थित थे।
न्यूज़ एजेंसी/ कमलेश्वर शरण
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