उदयपुर, 23 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी)। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा हवाला स्थित शिल्पग्राम में चल रहे दस दिवसीय महोत्सव के तीसरे दिन सोमवार को मुक्ताकाशी मंच पर सैकड़ों दर्शक विभिन्न राज्यों के लोक नृत्यों और फोक प्रस्तुतियों का आनंद लेते हुए संस्कृति के रंगों में रंग गए।
महोत्सव की शुरुआत छत्तीसगढ़ के पंडवानी गायन से हुई, जिसमें लोक कला की मधुर धुनों ने शिल्पग्राम के वातावरण को सजीव किया। इसके बाद गुजरात के राठवा आदिवासी डांस ने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया, जबकि हिमाचल प्रदेश के सिरमौरी नाटी और कर्नाटक के देवी उपासना के नृत्य पूजा कुनिथा ने भक्तिरस से शिल्पग्राम का माहौल भर दिया। गोवा के देखनी डांस की लयकारी और कश्मीर के रौफ लोक नृत्य में डांसर्स की सुंदर समन्वय ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
महाराष्ट्र के लावणी डांस और गुजरात के तलवार रास ने दर्शकों को रोमांचित किया। इसके साथ ही, मणिपुरी लाई हारोबा डांस ने भी दर्शकों से तालियां बटोरी। राजस्थान के बारां जिले के आदिवासी जनजाति सहरिया का लोक नृत्य भी आकर्षण का केन्द्र बना, जिसमें नर्तकों की भाव-भंगिमाओं और होली के स्वांग ने दर्शकों को भावनाओं में बहने पर मजबूर कर दिया।
इन प्रस्तुतियों के बीच, सौरभ भट्ट द्वारा निर्देशित स्किट ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। इस प्रस्तुति में सौरभ भट्ट, आसिफ, महमूद और अभिषेक झांकल की एक्टिंग ने समां बांध दिया।
मंगलवार को पंजाब के राज्यपाल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया शिल्पग्राम का दौरा करेंगे। वे गोल्फ कार्ट पर शिल्पग्राम परिसर का अवलोकन करेंगे और मुक्ताकाशी मंच पर दीप प्रज्वलन के बाद लोक कला प्रेमियों को संबोधित करेंगे। वे मंच पर चल रही लोक संस्कृति से ओतप्रोत प्रस्तुतियों का भी अवलोकन करेंगे। इस दौरान, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान उनका स्वागत करेंगे।
इसके अलावा, ‘हिवड़ा री हूक’ कार्यक्रम में हर संगीत प्रेमी को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है। यह कार्यक्रम 29 दिसम्बर तक रोजाना आयोजित किया जाएगा, जिसमें सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी और पुरस्कार वितरण भी किया जा रहा है।
न्यूज़ एजेंसी/ सुनीता
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