मुंबई , 10 दिसंबर (हि. स.) ।भारतीय सेना के जवान चौबीसों घंटे हमारी सीमा की रक्षा कर रहे हैं। उनके प्रति आभार प्रकट करने के लिए सशस्त्र बलों ने झंडा दिवस कोष की अवधारणा लागू की है। इस फंड के जरिए सैनिकों/पूर्व सैनिकों, उनके परिवारों की मदद की जाती है. इसलिए, ठाणे जिला डिप्टी कलेक्टर (सामान्य प्रशासन) हरिश्चंद्र पाटिल ने आज यहां अपील की है कि सरकारी कार्यालयों, जिम्मेदार नागरिकों को उदार हाथ से झंडा दिवस निधि में मदद करने की पहल करनी चाहिए। आज ठाणे जिले में सशस्त्र सेना झंडा दिवस 2024 निधि संग्रह का उद्घाटन समारोह आज ठाणे कलेक्टोरेट के जिला योजना समिति हॉल में आयोजित किया गया। उस समय डिप्टी कलेक्टर पाटिल संबोधित कर रहे थे।इस मौके पर. कैप्टन वाई. के. राव, नवी मुंबई पुलिस आयुक्तालय के सहायक पुलिस आयुक्त किशोर गायके, नौसेना लेफ्टिनेंट अभिषेक कुमार सिंह, ठाणे के तहसीलदार किशोर मराठे, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ठाणे/पालघर मेजर (सेवानिवृत्त) प्रांजल जाधव सहित विभिन्न कार्यालयों के प्रमुख उपस्थित थे।डिप्टी कलेक्टर पाटिल ने कहा कि ठाणे जिले के लिए झंडा दिवस निधि संग्रह लक्ष्य पिछले साल पूरा किया गया था। इसके लिए प्रशासनिक कार्यालयों, परोपकारी व्यक्तियों और संगठनों ने योगदान दिया है। इस वर्ष भी ठाणे जिले को दिए गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी को बढ़-चढ़कर योगदान देना चाहिए। इस फंड के जरिए पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों की पत्नियों, माता-पिता और बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। पूर्व सैनिकों, पति-पत्नी, माता-पिता और पूर्व सैनिकों के बच्चों को इस फंड से सहायता के लिए आवेदन करना चाहिए।
पूर्व सैनिकों के कल्याण कार्यक्रमों के लिए 07 दिसंबर को पूरे देश में झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता है और 07 दिसंबर से अगले वर्ष नवंबर तक धन एकत्र किया जाता है। आज इस दिवस के अवसर पर जिला सैनिक कल्याण कार्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में झंडा दिवस निधि संग्रहण का शुभारम्भ किया गया।पिछले साल, ठाणे जिले को रु। झंडा दिवस निधि संग्रहण का लक्ष्य 1 करोड़ 84 लाख 80 हजार रूपये दिया गया था, जिसमें से 75 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। इस वर्ष भी रु. झंडा दिवस निधि संग्रह के लिए जिले को 1 करोड़ 84 लाख 80 हजार का लक्ष्य दिया गया है.साथ ही इस मौके पर जिले के पूर्व सैनिकों के बच्चे आदि भी मौजूद रहे. जिन बच्चों ने 10वीं में 90% से अधिक अंक प्राप्त किए, उन्हें सैनिक कल्याण विभाग के माध्यम से शॉल-श्रीफल, प्रमाण पत्र और 20 हजार रुपये का चेक देकर विशेष सम्मान दिया गया।
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न्यूज़ एजेंसी/ रवीन्द्र शर्मा
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