विद्यालय में छात्रों के भोजन से अंडे गायब, आव्हाड ने जिलाधिकारी को किए अंडे भेंट 

Eggs missing from students meals in school

मुंबई , 31जनवरी ( न्यूज़ एजेंसी) । राज्य सरकार स्कूली छात्रों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराती है। बताया जाता है कि कि मध्याह्न भोजन में पौष्टिक तत्व शामिल होने चाहिए। आरोप है कि, पिछले कुछ दिनों में अंडे इस पौष्टिक आहार से गायब हो गए हैं। इस पोषण आहार में अंडे के लिए प्रति वर्ष 50 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने में सरकार विफल रही है, यह आरोप लगाते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक दल के नेता जितेंद्र आव्हाड ने आज ठाणे जिला कलेक्टर से मुलाकात कर राज्य सरकार के लिए अंडे भेज कर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया है।

उल्लेखनीय है कि मध्याह्न भोजन योजना भारत में एक स्कूल भोजन कार्यक्रम है। इस योजना के अंतर्गत सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के विद्यार्थियों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना का उद्देश्य स्कूली छात्रों की पोषण स्थिति में सुधार लाना है तथा यह योजना 15 अगस्त 1995 से शुरू की गई थी। नवंबर 2024 में राज्य शिक्षा विभाग छात्रों को उनके नियमित आहार के अलावा सप्ताह में एक दिन अंडे उपलब्ध कराएगा। जो छात्र अंडे नहीं खाएंगे उन्हें केले दिए जाएंगे। इस निर्णय के अनुसार, बुधवार या शुक्रवार को स्कूली छात्रों को उबले अंडे या अंडा पुलाव, बिरयानी के रूप में भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। हालाँकि, अब चूंकि सरकार इसके लिए प्रति वर्ष 50 करोड़ रुपये का प्रावधान करने में असमर्थ है, इसलिए अंडे और मिठाइयाँ उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी।

आज एनसीपी एसपी गुट के मुंब्रा से विधायक जितेन्द्र आव्हाड ने जिला कलेक्टर को बताया कि यह बात समझ में आई है कि हमारी सरकार ने इस मंगलवार से सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को दिए जाने वाले मध्यान्ह भोजन में अंडे बंद करने का निर्णय लिया है, जो उन 24 लाख लाभार्थी विद्यार्थियों के साथ अन्याय है। .जबकि जिला परिषद और नगरपालिका स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के परिवारों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है या बहुत खराब है। इसलिए वे सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं। खराब वित्तीय स्थिति का असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। कई रिपोर्टों से पता चला है कि स्कूली जीवन के दौरान बच्चों को शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए आवश्यक प्रोटीन नहीं मिल पाता है। और यही कारण है कि पिछली राज्य सरकारों ने इन विद्यार्थियों के शारीरिक विकास के लिए सप्ताह में एक बार मध्याह्न भोजन में अंडे और अन्य पौष्टिक चीजें उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था। इससे यह सुनिश्चित होगा कि इन छात्रों को सही मात्रा में प्रोटीन मिले, उनके शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिले और एक स्वस्थ पीढ़ी का निर्माण हो। और इसीलिए मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि इस संबंध में हमारी सरकार द्वारा लिया गया निर्णय इन विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके साथ ही मुझे यह भी लगता है कि महाराष्ट्र में समाज का अधिकांश हिस्सा मांसाहारी है, लेकिन एक खास वर्ग मांसाहार का विरोध करता है और क्या इसीलिए सरकार इस वर्ग को खुश करने के लिए ऐसे फैसले नहीं लेती है,? मध्य प्रदेश, राजस्थान और गोवा जैसे भाजपा शासित राज्यों ने भी इसी तरह के निर्णय लिए हैं। अब महाराष्ट्र भी इसमें शामिल हो गया है। यानी यह स्पष्ट हो रहा है कि भाजपा शासित राज्यों में एक खास वर्ग को खुश करने के लिए इस तरह के फैसले लिए जा रहे हैं। जबकि इस देश और राज्य में अधिकांश लोग मांसाहारी हैं।

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न्यूज़ एजेंसी/ रवीन्द्र शर्मा


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