
शिमला, 4 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने मंगलवार को बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में हिमाचल प्रदेश की छावनी भूमि और नागरिक सुविधाओं से जुड़े अहम सवाल रक्षा मंत्री से पूछे। उन्होंने जानना चाहा कि क्या प्रदेश सरकार ने केंद्र से विशेष अनुदान की मांग की है और क्या केंद्र सरकार छावनी बोर्डों के समापन के दौरान नागरिक क्षेत्रों की भूमि को राज्य सरकार को निशुल्क हस्तांतरित करने की योजना बना रही है।
रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री संजय सेठ ने इसके जवाब में बताया कि हिमाचल सरकार ने 27 नवंबर 2024 को केंद्र को पत्र लिखकर छावनी बोर्डों के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वित्तीय देनदारियों को पूरा करने के लिए विशेष अनुदान की आवश्यकता जताई थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी छह छावनियों के सिविल क्षेत्रों के समापन पर विचार किया जा रहा है और इसके लिए सभी हितधारकों से चर्चा की जाएगी।
राज्य मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि छावनी बोर्ड नागरिकों को जल आपूर्ति, स्वच्छता, सड़कें, स्ट्रीट लाइटें, स्कूल, अस्पताल जैसी सुविधाएं मुहैया कराते हैं। इसके अलावा केंद्र प्रायोजित विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं भी यहां लागू की जाती हैं। उन्होंने ई-छावनी पोर्टल का जिक्र करते हुए कहा कि नागरिकों को ऑनलाइन सेवाएं भी दी जा रही हैं।
विमानन क्षेत्र में सुधारों पर भी पूछा सवाल
सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने विमानन क्षेत्र में सुधारों को लेकर नागर विमानन मंत्री से विमानों को पट्टे पर देने से जुड़े विधेयक की जानकारी भी मांगी। इस पर नागर विमानन मंत्रालय में राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि 16 जनवरी 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विमान वस्तुओं में हितों का संरक्षण विधेयक 2025 को संसद में पेश करने की मंजूरी दी।
इस विधेयक का उद्देश्य विमान से जुड़ी संपत्तियों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विमान उपकरणों से जुड़े मामलों का निपटारा करना है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक 2001 में केपटाउन में हस्ताक्षरित अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल को लागू करने में मदद करेगा और यह किसी भी असंगत घरेलू कानून पर प्राथमिकता रखेगा।
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न्यूज़ एजेंसी/ उज्जवल शर्मा
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