सीयूजे ने पाठ्यक्रम जीवनवृत्त सी.वी. लेखन पर कार्यशाला आयोजित की

सीयूजे ने पाठ्यक्रम जीवनवृत्त सी.वी. लेखन पर कार्यशाला आयोजित की

जम्मू 06 फरवरी (न्यूज़ एजेंसी)। केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू के शैक्षिक अध्ययन विभाग ने प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट सेल केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू के सहयोग से शैक्षिक अध्ययन विभाग के अंतिम वर्ष के बी.ए. बी.एड. और एम.एड. के विद्यार्थियों के लिए सी.वी. लेखन पर कार्यशाला आयोजित की। कार्यक्रम की शुरुआत शैक्षिक अध्ययन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जे.एन. बलिया ने की जिन्होंने कार्यशाला के संसाधन व्यक्तियों श्री विराज मगोत्रा और श्री सूर्याक्ष दुबे तथा सभी प्रतिभागियों का औपचारिक स्वागत किया। शिक्षा विभाग द्वारा इस प्रकार के व्यावसायिक विकास कार्यक्रम माननीय कुलपति प्रो. संजीव जैन के मार्गदर्शन और संरक्षण में आयोजित किए जा रहे हैं जो हमेशा ऐसे आयोजनों के आयोजन के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करते हैं जो सीधे तौर पर विद्यार्थियों के व्यावसायिक कौशल को बढ़ाते हैं ताकि वे अपनी-अपनी नौकरियों में शामिल होने के बाद इसका लाभ उठा सकें।

कार्यशाला का आयोजन विद्यार्थियों को प्रभावी और प्रभावशाली बायोडाटा बनाने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने के उद्देश्य से किया गया था।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों, कौशल और अनुभवों को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित करने के लिए उपकरण प्रदान करना था क्योंकि वे नौकरी बाजार में प्रवेश करने की तैयारी शुरू करते हैं। सीयूजे के प्रशिक्षण और प्लेसमेंट अधिकारी श्री विराज मगोत्रा ने नौकरी आवेदन प्रक्रिया में पाठ्यक्रम के उद्देश्य और महत्व के अवलोकन के साथ शुरुआत की। श्री विराज ने एक सीवी के आवश्यक तत्वों के बारे में मार्गदर्शन किया जिसमें व्यक्तिगत जानकारी, शैक्षिक पृष्ठभूमि, कार्य अनुभव, कौशल और उपलब्धि और स्पष्ट और संक्षिप्त सीवी का महत्व शामिल है जो दृष्टिगत रूप से आकर्षक और पढ़ने में आसान हो सकता है। इसके अतिरिक्त श्री सूर्यकाश दुबे, सहायक टीपीओ ने छात्रों के साथ बातचीत की और उन्हें पाठ्यक्रम के उद्देश्य, घटक, प्रारूपण, सिलाई के बारे में बताया।

कार्यशाला ने छात्रों को एक अच्छे सी.वी. के माध्यम से साक्षात्कार में अपने प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए व्यावहारिक सुझाव और रणनीति प्रदान की। कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों ने संसाधन व्यक्तियों के साथ बातचीत की और एक अच्छे सी.वी. की अनिवार्यताओं के बारे में अपने प्रश्न भी उठाए। कुल मिलाकर सी.वी. लेखन पर कार्यशाला ने छात्रों के भविष्य के पेशेवर विकास के लिए एक मूल्यवान मंच के रूप में कार्य किया। कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. मोहन गलगोत्रा द्वारा औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

न्यूज़ एजेंसी/ मोनिका रानी


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